दुनिया काफ़ी तेज़ी से तरक्की कर रही है. इसका सारा श्रेय हमारे महान वैज्ञानिकों को जाता है. अगर वैज्ञानिक मेहनत न करें, तो शायद आज के मॉर्डन ज़माने की कल्पना करना मुश्किल है. पर इतिहास की एक वैज्ञानिक ऐसी भी थी, जो इंसानों की जान लेने के लिये जानी जाती थी. नाम था लॉकस्टा (Locusta).
Locusta रोम की एक ख़ूबसूरत और जानी-मानी वैज्ञानिक थी, जिसे आमतौर पर लोग मध्यकाल की पहली साइंटिस्ट के तौर पर भी जानते हैं. यही नहीं, उनको इतिहास की पहली सीरियल किलर भी कहा जाता है. इस हसीन साइंटिस्ट को विज्ञान में काफ़ी दिलचस्पी थी और समय-समय पर काफ़ी प्रयोग करती रहती थी. उसने पेड़ों के गुणों और अवगुणों पर भी रिसर्च किया था.
वो चेहरे से जितनी सुंदर थी, दिल से उतनी ज़हरीली थी. वो ये समझ चुकी थी कि लोग अपनी ख़्वाहिशों के लिये दुश्मनों को मरवाने से नहीं चूकते. हालांकि, दुश्मनों की मौत नेचुरल दिखनी चाहिये. इंसान की इन्हीं इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए Locusta ने ज़हर पर प्रयोग शुरू किया. इस प्रयोग में उसने इतने ज़हरीले ज़हर की खोज कर डाली, जिसे खाने के बाद इंसान के बचने की कोई उम्मीद ही नहीं होती थी.
कहा जाता है कि लॉकस्टा ने महारानी Agrippina के साथ मिल कर रोम के शासक Claudius को ज़हर देकर मार दिया था. महारानी को लगता था कि उनके पति Claudius एक अच्छे शासक नहीं हैं. इसलिये उन्होंने राजा को मरवाने के लिये लॉकस्टा को बुलाया. लॉकस्टा ने राजा के खाने में उसका बनाया ज़हर मिला दिया था. जिसे खाने के बाद उसकी मौत हो गई थी.
ग्रीक लेखक Cassius Dio के मुताबिक, हसीन वैज्ञानिक की क्रूरता के लिये उसे पूरे शहर में नग्न घुमाया गया था और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया गया. इस तरह दुनिया से एक ख़तरनाक और ज़हरीली वैज्ञानिक का अंत हो गया. अब इसके बारे में सोच कर भी रूंह कांप जाती है.