भारत में आपको हर 1 किमी की दूरी पर कोई न कोई मंदिर मिल जायेगा. देश में ऐसे कई प्राचीन मंदिर हैं जिनका इतिहास हज़ारों साल पुराना है. आज हम आपको देश के ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हज़ारों साल पुराने हैं, लेकिन आज भी इनका महत्व पहले जितना ही है. ये मंदिर प्राचीन होने के साथ-साथ देश के सबसे ख़ूबसूरत मंदिर भी हैं.
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आईये जानते हैं वो कौन-कौन से मंदिर हैं जो प्राचीन होने के साथ ही अपनी ख़ूबसूरती के लिए भी प्रसिद्ध है?
1- जगन्नाथ मंदिर (ओडिशा)
ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर का ये ख़ूबसूरत प्राचीन मंदिर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण) को समर्पित इस मंदिर को हिन्दुओं के ‘चार धाम’ में से एक गिना जाता है. इस मंदिर में हर साल ‘रथ यात्रा’ निकाली जाती है.
2- कोपेश्वर मंदिर (महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र के कोल्हापुर के निकट खिद्रापुर का ‘कोपेश्वर मंदिर’ चालुक्य देवालय वास्तुकला का प्रतीक माना जाता है. प्राचीन होने के साथ ही ये मंदिर बेहद ख़ूबसूरत भी है. हालांकि, ये तंजावुर के चोला मंदिरों या खजुराहो के चंदेल मंदिरों की तरह प्रसिद्ध नहीं हो पाया है.
3- कुंभारियाजी तीर्थ (गुजरात)
गुजरात में बनासकांठा ज़िले में स्थित इस मंदिर परिसर में 5 जैन मंदिर हैं. भगवान नेमिनाथ के मंदिर का निर्माण विमल शाह ने सन 1043 में कराया था. जबकि अन्य 4 मंदिरों को अन्य राजाओं ने बनाये थे. 14वीं सदी में उलुगखान खिलजी ने पांचों मंदिरों को नष्ट कर दिया था. 17वीं सदी में आचार्य श्री विजय देवसूरिजी ने इन्हें फिर से पुनर्निर्मित किया.
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4- चेन्नाकेशव मंदिर (कर्नाटक)
कर्नाटक के बेल्लूर में स्थित इस प्राचीन मंदिर का निर्माण ‘होयसल वंश’ के नरेश विष्णुवर्धन ने सन 1117 में कराया था. ये प्रसिद्ध मंदिर स्थापत्य एवं मूर्तिकला की दृष्टि से भारत के सर्वोत्तम मन्दिरों में से एक है. ये मंदिर कई बार मुस्लिम शासकों द्वारा लूटा गया, जिसे समय-समय पर हिन्दू शासकों द्वारा बनवाया गया.
5- त्रिकूटेश्वरा मंदिर (कर्नाटक)
कर्नाटक के गडग क़स्बे में स्थित ये एक लोकप्रिय शैव मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण ‘चालुक्य वंश’ ने कराया था. मंदिर में एक ही पत्थर पर 3 शिवलिंग बने हुए हैं. इसके पूर्वी हिस्से में भगवान ब्रह्मा, भगवान शिव और भगवान विष्णु का प्रतिनिधित्व करने वाले 3 लिंग हैं. इस मंदिर के अंदर प्रसिद्ध सरस्वती मंदिर में देवी शारदा, देवी गायत्री और देवी सरस्वती के मंदिर हैं.
6- कांची कैलासनाथ मंदिर (तमिलनाडु)
तमिलनाडु में कांचीपुरम में स्थित प्राचीन ‘कांची कैलासनाथ मंदिर’ इस शहर की प्राचीनतम संरचनाओं में से एक है. भगवान शिव को समर्पित ये मंदिर अपने एतिहासिक महत्त्व के लिए भी काफ़ी प्रसिद्ध है. ये प्राचीन मंदिर द्रविड़ियन आर्किटेक्चरल आकार में बना हुआ है.
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7- चौंसठ योगिनी मंदिर (मध्यप्रदेश)
मध्य प्रदेश के मुरैना ज़िले के मितावली गांव में स्थित ये प्राचीन मंदिर भारत के उन चौसठ योगिनी मंदिरों में से एक है जो आज भी सही सलामत बचा हुआ है. 11वीं शताब्दी में बने इस प्राचीन मंदिर का निर्माण कश्यप राजा देवपाल ने किया था. भारत का संसद भवन इसी शैली पर बना हुआ है.
8- मुक्तेश्वर मंदिर (ओडिशा)
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित ‘मुक्तेश्वर मंदिर’ भगवान शिव को समर्पित है. 10वीं शताब्दी में बना ये मंदिर ओडिशा में हिंदू मंदिरों के विकास के महत्व का एक स्मारक है. ये ओडिशा के सबसे प्राचीन व ख़ूबसूरत मंदिरों में से एक हैं.
9- मुरुदेश्वर मंदिर (कर्नाटक)
कर्नाटक के उत्तर कन्नड ज़िले में स्थित ये प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. ‘मुरुदेश्वर’ भगवान शिव का ही एक नाम है. इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि इसके परिसर में भगवान शिव की एक विशाल मूर्ति स्थापित है, जिसे दुनिया की दूसरी सबसे विशाल और ऊंची शिव प्रतिमा (मूर्ति) माना जाता है. इस विशाल मूर्ति की ऊंचाई क़रीब 123 फ़ीट है.
10- किराड़ू मंदिर (राजस्थान)
राजस्थान के बाडमेर में स्थित इस प्राचीन मंदिर को राजस्थान का खजुराहो भी कहा जाता है. दक्षिण भारतीय शैली में बना किराडू का मंदिर अपनी स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है. ये बाड़मेर से 43 किलोमीटर दूर हात्मा गांव में स्थित है.
11- शोर मंदिर (चेन्नई)
चेन्नई का महाबलीपुरम मंदिरों के शहर के तौर पर प्रसिद्ध है. प्राचीन ‘शोर मंदिर’ इस शहर के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है. 8वीं शताब्दी में बना ये दक्षिण भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है. शोर मंदिर के भीतर 3 मंदिर हैं बीच में भगवान विष्णु का मंदिर है जबकि इसके दोनों तरफ़ शिव मंदिर हैं.
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12- सूर्य मंदिर (गुजरात)
ये मंदिर गुजरात के मेहसाना ज़िले के मोढेरा नामक गांव में पुष्पावती नदी के किनारे स्थित है. ये मंदिर भारत में विलक्षण स्थापत्य व शिल्प कला का बेजोड़ उदाहरण है. इस मंदिर का निर्माण सन 1026 से 1027 में ‘सोलंकी वंश’ के राजा भीमदेव प्रथम द्वारा किया गया था.
13- जागेश्वर शिव मंदिर (उत्तराखंड)
उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले में स्थित प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर ये प्राचीन शिव मंदिर ‘जागेश्वर धाम’ के नाम से मशहूर है. 7वीं से 12वीं शताब्दी के बीच बना ये ऐतिहासिक मंदिर लगभग 250 मंदिरों का समूह है, जिनमें से एक ही स्थान पर छोटे-बडे 224 मंदिर स्थित हैं.
14- एकंबरेश्वर मंदिर (तमिलनाडु)
तमिलनाडु के कांचीपुरम तीर्थ नगर में स्थित ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. कांचीपुरम के ‘एकंबरेश्वर मंदिर’, ‘वरदराज पेरुमाल मंदिर’ और ‘कामाक्षी अम्मन मंदिर’ को सामूहिक रूप से ‘मूमुर्तिवासम’ कहा जाता है.
15- मीनाक्षी मंदिर (तमिलनाडु)
तमिलनाडु के मदुरै में स्थित ये प्राचीन मंदिर ‘माता पार्वती’ की अवतार ‘देवी मीनाक्षी’ को समर्पित है. प्राचीन के साथ-साथ ये मंदिर बेहद ख़ूबसूरत भी है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव सुन्दरेश्वरर रूप में पांड्य राजा मलयध्वज की पुत्री राजकुमारी मीनाक्षी से विवाह रचाने मदुरै आये थे. इस मन्दिर को देवी पार्वती के सर्वाधिक पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है.
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