आज ‘स्कूल’ ही एक ऐसी जगह नहीं है जहां हम शिक्षा पा सकते हैं. मगर लगभग 100 साल पहले तक स्कूल ही शिक्षा का एक मात्र मंदिर हुआ करता था. 1870 में, ब्रिटेन में शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया में पहली बार कोई अधिनियम बना था. हालांकि, इस अधिनियम में भी सभी बच्चों के लिए शिक्षा को अनिवार्य नहीं बनाया गया था. ये तो बहुत बाद में बदलाव हुए कि शिक्षा हर बच्चे की ज़रूरत ही नहीं उसका मौलिक अधिकार भी है.
स्कूलों में उन दिनों जीवन बहुत अलग हुआ करता था. लड़के और लड़कियों के स्कूल अलग अलग हुआ करते थे. अगर एक होता भी था तो उन्हें अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ाया जाता था. यूनिफ़ॉर्म अलग थी तो वहीं महिला अध्यापिकाओं का अविवाहित होना भी कई जगह ज़रूरी हुआ करता था. वाक़ई, जीवन जीने का ढंग काफ़ी अलग था.
आइए, अब तस्वीरों के ज़रिए आपको दिखाते हैं कि उन दिनों स्कूल कैसे दिखा करते थे-