आज ‘स्कूल’ ही एक ऐसी जगह नहीं है जहां हम शिक्षा पा सकते हैं. मगर लगभग 100 साल पहले तक स्कूल ही शिक्षा का एक मात्र मंदिर हुआ करता था. 1870 में, ब्रिटेन में शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया में पहली बार कोई अधिनियम बना था. हालांकि, इस अधिनियम में भी सभी बच्चों के लिए शिक्षा को अनिवार्य नहीं बनाया गया था. ये तो बहुत बाद में बदलाव हुए कि शिक्षा हर बच्चे की ज़रूरत ही नहीं उसका मौलिक अधिकार भी है.

स्कूलों में उन दिनों जीवन बहुत अलग हुआ करता था. लड़के और लड़कियों के स्कूल अलग अलग हुआ करते थे. अगर एक होता भी था तो उन्हें अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ाया जाता था. यूनिफ़ॉर्म अलग थी तो वहीं महिला अध्यापिकाओं का अविवाहित होना भी कई जगह ज़रूरी हुआ करता था. वाक़ई, जीवन जीने का ढंग काफ़ी अलग था.
आइए, अब तस्वीरों के ज़रिए आपको दिखाते हैं कि उन दिनों स्कूल कैसे दिखा करते थे-
1. कक्षा में चुप-चाप बैठे बच्चे

2. स्कूल की यूनिफ़ॉर्म बड़ी ही अजीब होती थी

3. एक नाईट स्कूल की तस्वीर

4. स्कूल की बास्केटबाॅल टीम

5. कई स्कूलों में एक ही कमरे होते थे

6. 1929 में हाई स्कूल की वाद-विवाद टीम

7. कई कक्षा में बस 20 बच्चे भी होते थे

8. 1929 में स्कुली छात्रों की तस्वीर

9. घरवालों से विदा लेते बच्चे

10. कुछ बच्चे 5 मील पैदल चलकर स्कूल आते थे

11. स्कूल बहुत छोटे थे

12. घोड़ों द्वारा खींची जाने वाली स्कूल बसें

13. एक क्लासरूम का नज़ारा

14. लड़कियों को सिलाई जैसा घरेलू हुनर भी सिखाया जाता था

15. बच्चे खेलते हुए

16. लड़ाई करते हुए पकड़े गए बच्चे

17. छात्रों को सिखाया गया कि, कैंची को ठीक से कैसे पकड़ना और उपयोग करना

18. बच्चे कम होने पर कक्षा 1 से 8 तक एक कमरे में ही पढ़ते थे

19. दोपहर का खाना बच्चे अक्सर मेटल यानि धातु से बक्से में लाते थे या बुनी हुई टोकरियों में

20. गंदगी के लिए दांतों और नाखूनों का निरीक्षण किया जाता था
