इतिहास के पन्ने अगर आप पलटें, तो आपको पता चलेगा कि भारत पर अंग्रेज़ी हुकूमत के दौरान कई भारतीय सैनिक अंग्रेज़ों की तरफ़ से दूसरे देशों के खिलाफ़ लड़े और अपना पराक्रम दिखाया. इसमें विश्व युद्ध के अलावा, सारगढ़ी का युद्ध भी शामिल है. आपको जानकर हैरानी होगी कि ब्रिटेन में कई सालों बाद सारगढ़ी युद्ध (1897) में शहीद हुए 21 सिख सैनिकों का सम्मान किया गया है और सिख हवलदार ईशर सिंह की एक बड़ी कांसे की प्रतिमा लगाई है. आइये, इस ख़ास लेख में आपको बताते हैं कौन थे हवलदार ईशर सिंह और क्या था सारगढ़ी का युद्ध.

कौन थे सिख हवलदार ईशर सिंह?

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ईशर सिंह ब्रिटिश भारतीय सेना में एक हवलदार थे, जिन्होंने 1897 के सारगढ़ी के युद्ध में 20 सिख सैनिकों का नेतृत्व किया था और शहीद होने तक अफ़ग़ान कबाइलियों की विशाल फौज़ का सामना किया था और सारगढ़ी क़िले पर कब्ज़ा करने तक रोक कर रखा था.

सिख हवलदार ईशर सिंह की कांसे की प्रतिमा

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बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इंग्लैंड के Wolverhampton शहर के Wednesfield में सिख हवलदार ईशर सिंह की 10 फ़ुट ऊंची कांसे की एक प्रतिमा स्थापित की गई है. ये प्रतिमा 6 फ़ुट के चबूतरे पर बनाई है. उद्घाटन के मौके पर एक भव्य आयोजन भी किया गया था, जिसमें सांसद, स्थानीय पार्षद, कई सैन्य अफ़सर व स्थानीय लोग शामिल हुए. स्मारक की 8 मीटर की स्टील प्लेट पर यादगार शब्दों को उकेरा गया है. सारगढ़ी युद्ध में शहीर हुए 21 सिख सैनिकों के सम्मान में ब्रिटेन ने पहला स्मारक बनाया है.  

किसने बनाई ये प्रतिमा?

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10 फ़ुट ऊंची सिख हवलदार ईशर सिंह की ये प्रतिमा Wednesfield के गुरु नानक गुरुद्वारा द्वारा बनाई गई है और इस प्रतिमा को बनाने वाले मूर्तिकार का नाम Luke Perry है, जो West Midlands से संबंध रखते हैं. जानकारी के अनुसार, सिर्फ़ प्रतिमा को बनाने में 1 लाख पाउंड का खर्च आया है और बाकी साज-सज्जा में 36 हज़ार पाउंड ख़र्च हुए हैं.

क्या था सारगढ़ी का युद्ध?

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रिपोर्ट के अनुसार, सारगढ़ी का युद्ध 10 हज़ार अफ़ग़ान कबाइलियों की विशाल फ़ौज और ब्रिटिश भारतीय सेना के 21 सिख जवानों (36वीं सिख रेजिमेंट ऑफ़ बंगाल इन्फ़ैंट्री) के बीच लड़ा गया था. ये युद्ध पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा क्षेत्र में 12 सितंबर 1897 को लड़ा गया था. अफ़ग़ानी सारगढ़ी के क़िले पर कब्ज़ा कर बाकी अंग्रेज़ों के अधीन क्षेत्रों पर कब्ज़ा करना चाहते थे. लेकिन, सिख सैनिकों ने शहीद होने तक ऐसा होने नहीं दिया.

महान युद्धों में से एक

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इतिहासकारों का मानना है कि सारगढ़ी का युद्ध इतिहास के महान युद्धों में से एक है. इस युद्ध में शहीद होने तक 21 सिख सैनिकों ने अफ़ग़ान कबाइलियों की विशाल सेना के खिलाफ़ अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन किया. ये युद्ध लगभग 6 घंटे तक चला था. कहते हैं कि इस युद्ध के बाद शहीद हुए सिख सैनिकों को ‘Indian Order of Merit’ से नवाज़ा गया था. ये उस समय का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार था.