Boroline Cream को किसी परिचय की ज़रूरत नहीं है. क़रीब 93 सालों से ये भारतीय घरों का हिस्सा है. हालांकि, नई-नई ब्रांड की क्रीम के आ जाने से इसके इस्तेमाल में कमी आई है, लेकिन इसका उपयोग आज भी भारतीय कर रहे हैं. ये बड़ी उपयोगी क्रीम मानी जाती है, क्योंकि ये त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं को कम करने में मदद करती है.
आइये, अब विस्तार से जानते हैं Boroline Cream की शुरुआती कहानी.
अंग्रेज़ों को मुंहतोड़ जवाब थी ये क्रीम
बहुतों को Boroline Cream से जुड़ी ये बात पता नहीं होगी कि इसका निर्माण अंग्रेज़ों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए किया गया था. दरअसल, बात उस समय की है जब भारत पर अंग्रेज़ी शासन लागू था और अंग्रेज़ देसी चीज़ों के उपयोग को तवज्जो न देकर विदेशी चीज़ों पर ज़ोर दे रहे थे. ज़रूरत की बहुत सी चीज़ें विदेशों से बनकर भारत आया करती थी.
Boroline Cream का निर्माण
इस हिंदुस्तानी क्रीम का निर्माण करने वाले भारतीय का नाम था मोहन दत्त. इसका निर्माण 1929 में मोहन दत्त की G.D Pharmaceuticals Pvt Ltd कंपनी के अंतर्गत किया गया था. ये कोई सौंदर्य क्रीम नहीं थी बल्कि इसे विदेशी सामानों के विरोध में बनाया गया था. जहां विदेशी वस्तुएं ज़्यादा दामों पर बेची जाती थीं वहां ये क्रीम आर्थिक शोषण को कम करने का भी एक ज़रिया बनी.
उत्तर से लेकर दक्षिण तक हुई लोकप्रिय
माना जाना जाता है कि शुरुआती समय में इस क्रीम के आगे कई रोड़े आए, लेकिन इसकी लोकप्रियता पर बिंदु न लग सका. धीरे-धीरे ये कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक लोकप्रिय हो गई. माना जाता है कि कश्मीर के लोग इसका इस्तेमाल रुखी त्वचा से निजात पाने के लिए किया करते थे, तो दक्षिण भारतीय गर्मी से बचने के लिए इसका उपयोग करते थे. ये क्रीम ख़ास फ़ॉर्मूले के साथ बनाई गई थी जो हर स्कीन टोन के लिए काम कर जाती है.
मुफ़्त बांटी गई थी क्रीम
आपको जानकर हैरानी होगी कि ये क्रीम इतनी लोकप्रिय हो गई थी कि इसका इस्तेमाल पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर अभिनेता राजकुमार तक करते थे. वहीं,1947 यानी भारत की आज़ादी के समय 1 लाख से ज़्यादा बोरोलीन क्रीम भारतीयों में मुफ़्त बांटी गई थी.
बंगाली घरों में पीढ़ियों से इस्तेमाल हो रही है
चूंकी इसका निर्माण बंगाल में हुआ था, इसलिए ये बंगाली घरों में पीढ़ियों से इस्तेमाल की जा रही है. बंगाली घरों में इस क्रीम का इस्तेमाल सौंदर्य क्रीम की तरह और त्वचा समस्याओं के लिए किया जाता है. इसे बंगाली संस्कृति का एक हिस्सा भी माना जा सकता है.
क्या है Boroline Cream में ख़ास
ये एक एंटीसेप्टिक क्रीम है और त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं जैसे जलने, छिलने, घाव, रुखेपन में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इस क्रीम को बनाने के लिए बोरिक एसिड के साथ ज़िंक ऑक्साइड, पैराफ़िन, ओलियम, परफ़्य़ूम आदि का इस्तेमाल किया जाता है.