History of Nader Shah: 15वीं शताब्दी से लेकर 17वीं शताब्दी तक मुग़लों ने भारत पर अपना शासन किया था. इस दौरान कई ऐसे शासक हुए, जिन्होंने भारत पर अपना कब्ज़ा करने के लिए जमकर अत्याचार किए. मुग़लों के साथ-साथ अंग्रेज़ों ने भी अपना कब्ज़ा भारत पर पाने के लिए भारत में घुसना शुरू कर दिया था. इस बहती गंगा में अफ़गानों ने भी अपना हाथ धोया और दिल्ली में घुस आए. अफ़ग़ानियों में सबसे पहले नादिर शाह दिल्ली में घुसा था और 1736 के आस-पास उसने भारत पर आक्रमण किया.

History of Nader Shah
Image Source: wikimedia

History of Nader Shah

ये भी पढ़ें: दारा शिकोह: शाहजहां का सबसे प्यारा बेटा, जिसका सिर अपने ही भाई औरंगज़ेब ने कटवा दिया था

नादिर शाह ने भारत पर इतना अत्याचार ढाया कि, जिसे सुनकर और पढ़कर आपकी रुह कांप जाएगी. इतिहास के पन्नों पर बेग़ुनाहों के ख़ून से लिखी नादिर शाह के क्रूरता की कहानी आइए जानते हैं:

नादिर शाह अफ़्शार उर्फ़ नादिर कुली बेग़ फ़ारसी शाह ने सदियों के बाद ईरानी प्रभुता स्थापित की थी. उसने अपना जीवन दासता से शुरू किया था और फारस का शाह बनने पर ख़त्म किया. इसके अलावा, उसने उस समय ईरानी साम्राज्य के सबल शत्रु उस्मानी साम्राज्य और रूसी साम्राज्य को ईरानी क्षेत्रों से बाहर निकाला.

History of Nader Shah
Image Source: bonobology

1736 में फ़ारस के शाह तहमास्प की मौत के बाद नादिर शाह ने शासन संभाला और अफ़ग़ानों के विरोध में समर्थन देने लगा. ताकि तत्कालीन मुग़ल बादशाह मुहम्मद शाह आलम को लगे कि वो उनका मित्र है और अफ़ग़ानों को दंड देना चाहता है, उसने भारत में घुसने से पहले सारी आंतरिक स्थित का पता लगा लिया था. क़ाबुल पर कब्ज़ा करने के बाद उसने दिल्ली पर आक्रमण किया.

History of Nader Shah
Image Source: wp

तब करनाल में मुग़ल राजा मुहम्मद शाह आलम और नादिर की सेना के बीच लड़ाई हुई. हालांकि, नादिर की सेना छोटी थी, लेकिन उसने अपने बारूदी अस्त्रों से जीत हासिल की. दिल्ली की सत्ता पर आधीन मुग़ल बादशाह मुहम्मद शाह आलम को हराकर उससे बहुत सारी दौलत लूट ली, जिसमें सिंधु नदी के पश्चिम की सारी भूमि और कोहीनूर हीरा, दरिया-नूर और ताज-ए-मह हीरे भी शामिल था. कोहीनूर हीरा हासिल करने के बाद वो शक्तिशाली बन गया.

History of Nader Shah
Image Source: twimg

इसके बाद, जब वो मार्च 1739 में दिल्ली पहुंचा तो ये अफ़वाह फैली कि नादिर शाह मारा गया, जिससे दिल्ली में भगदड़ मच गई और फ़ारसी सेना का क़त्ल शुरू हो गया. फ़ारसी सेना का क़त्लेआम देखकर वो इतना ग़ुस्सा गया कि उसने बदला लेने के लिए दिल्ली में भयानक ख़ूनख़राबा शुरू किया और एक दिन में क़रीब 20 हज़ार लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया. इस क़त्लेआम को नादिर शाह का इतिहास के सबसे क्रूर और वीभत्स कत्‍लेआम माना जाता है.

History of Nader Shah
Image Source: wordpress

नादिर ने लूट में जो सम्पत्ति इकट्ठा की वो क़रीब 70 करोड़ रुपये थी. हालांकि, नादिर दिल्ली में अपना साम्राज्य नहीं जमाना चाहता था, ब्लकि वो अपने लोगों के लिए एक धनराशि इकट्ठा करना चाहता था, जो उसने कर ली थी. इसलिए जब वो दिल्ली से लौटा तो उसने अगले तीन वर्षों तक जनता से कोई कर नहीं लिया.

तो वहीं दूसरी ओर, उसने 12 मार्च 1738 को कंधार पर जीत का परचम लहरा दिया था. इतना ही नहीं, उसने काबुल, गजनी, जलालाबाद और पेशावर पर भी अपना अधिकार जमा लिया था. जब वो इन जगहों पर अपना अधिकार जमा रहा था तब भारत पर उसने शांति बना रखी थी वो किसी भी तरह की क्रूरता नहीं कर रहा था. इससे मुग़लों को लग रहा था कि वो उनकी प्रजा के हित में है.

ये भी पढ़ें: समुद्रगुप्त: भारत का वो महान शासक, जो अपने 50 साल के शासनकाल में कोई भी युद्ध नहीं हारा

History of Nader Shah
Image Source: kreately

कहा जाता है कि, जिन्हें मारा गया था उनकी लाशों से बदबू आने लग गई थी. इसके अलावा, जब नादिरशाह अपने देश फ़ारस वापस आ रहा था तो उसने मुहम्मद शाह को मयूर सिंहासन वापस कर दिया था.