भारतीय सेना (Indian Army) में शामिल होना हमारे लिए ख़ुशकिस्मती की बात है. ख़ासकर इंडियन आर्मी में अफ़सर बनना हर भारतीय का सपना होता है. लेकिन ये सपना लाखों में किसी एक का ही पूरा हो पाता है. भारतीय सेना को 3 श्रेणियों में बांटा गया है. थल सेना, जल सेना और वायु सेना. इन तीनों ही सेनाओं में ऑफ़िसर बनने के लिए अलग अलग प्रक्रियाएं हैं. आज हम भारतीय थल सेना के ऑफ़िसर्स की ही बात करने जा रहे हैं. थल सेना में कमीशन अधिकारी, जूनियर कमिशन अधिकारी और गैर-कमीशन अधिकारी और सैनिक होते हैं. इस दौरान आपने अधिकारियों के कंधों पर कुछ तारे और प्रतीक चिन्ह देखे होंगे. क्या आप जानते हैं इन्हीं चिह्नों और प्रतीकों के आधार पर अधिकारियों के रैंक (Ranks) तय होती है?

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चलिए जानते हैं कि भारतीय सेना के कंधों पर लगे बैज पर बने चिन्हों (Indian Army Ranks And Insignia) को देखकर कैसे समझें कि सामने खड़ा सेना का अधिकारी रैंक पर है.

1- लेफ़्टिनेंट

ये भारतीय सेना (Indian Army) के कमीशन अधिकारियों की सबसे छोटी पोस्ट है. आईएमए से कोर्स करके निकले नये रिक्रूट सबसे पहले लेफ़्टिनेंट (Lieutenant) ही बनते हैं. लेफ़्टिनेंट की वर्दी में कंधे पर लगे बैज प्लेट पर ‘2 स्टार’ लगे होते हैं.

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2- कैप्टन

लेफ़्टिनेंट प्रमोशन पाकर या 2 साल पूरा करने पर कैप्टन (Captain) बनता है. इस अधिकारी की वर्दी पर कंधे पर लगे बैज में ‘3 स्टार्स’ लगे होते हैं.

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3- मेजर

भारतीय सेना में 6 साल काम करने और Part B परीक्षा में सफ़ल होने या प्रमोशन लेकर आने वाले अधिकारियों को मेजर (Major) की पोस्ट मिलती है. इनके कंधे पर सिर्फ़ भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह ‘अशोक स्तम्भ’ लगा होता है. 

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4- लेफ़्टिनेंट कर्नल

भारतीय सेना (Indian Army) में 13 वर्ष या Part D की परीक्षा में सफ़ल होने या प्रमोशन के बाद लेफ़्टिनेंट कर्नल (Lieutenant Colonel) की पोस्ट मिलती है. इनके कंधे पर भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह ‘अशोक स्तम्भ’ और ‘1 स्टार’ लगा होता है.

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5- कर्नल 

कर्नल (Colonel) रैंक के लिए 15 साल की कमीशंड नौकरी और 26 साल की कमीशंड नौकरी टाइम-स्केल प्रमोशन चाहिए होता है. कर्नल के कंधे पर ‘2 स्टार’ और भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह ‘अशोक स्तम्भ’ बना होता है.

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6- ब्रिगेडियर

ब्रिगेडियर (Brigadier) रैंक के लिए 25 वर्ष की कमीशंड नौकरी की ज़रूरत होती है. ब्रिगेडियर के कंधे पर त्रिकोणीय गठन में ‘3 स्टार’ और भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह ‘अशोक स्तम्भ’ बना होता है.

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7- मेजर जनरल

मेजर जनरल (Major General) रैंक के लिए 32 साल की कमीशंड नौकरी की ज़रूरत होती है. मेजर जनरल के कंधे पर ‘1 स्टार’ के साथ ‘बैटन और सैबर’ का चिन्ह दिखाई देते हैं.

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8- लेफ़्टिनेंट जनरल

लेफ़्टिनेंट जनरल (Lieutenant General) पद 36 साल की कमीशन्ड नौकरी और चयन से मिलता है. इसी पद के अधिकारियों को सेना का उप-प्रमुख पद दिया जाता है. इनके कंधे पर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह ‘अशोक स्तम्भ’ के साथ ‘बैटन और सैबर’ लगे होते हैं.

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9- जनरल

जनरल (General of the Army) भारतीय सेना की सबसे ऊंची एक्टिव पोस्ट है. इनके कंधे पर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह ‘अशोक स्तम्भ’ के साथ ‘1 स्टार’ और ‘बैटन और सैबर’ लगे होते हैं.

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10- फ़ील्ड मार्शल

फ़ील्ड मार्शल (Field Marshal) भारतीय सेना में आज तक केवल 2 ही फ़ील्ड मार्शल हुए हैं. इनमें से एक केएम करिअप्पा और दूसरे सैम मानेकशॉ थे. इनके कंधे पर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह ‘अशोक स्तम्भ’ के साथ ‘बैटन और सैबर’ के नीचे कमल के फूलों का घेरा बना होता है.

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जय हिंद!