दुनिया के महान गणितज्ञों में से एक श्रीनिवास रामानुजन (Srinivasa Ramanujan) को आज भी उनके ख़ास टैलेंट की वजह से याद किया जाता है. लेकिन अफ़सोस की बात ये है कि रामानुजन सन 1920 में मात्र 32 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा भी कह गए थे. रामानुजन आज अपने पीछे दुनिया के लिए गणित की कभी न ख़त्म होने वाली एक विरासत छोड़ गए हैं. अगर आप भी श्रीनिवास रामानुजन की ज़िंदगी के बारे में ज़्यादा नहीं जानते हैं तो साल 2015 में रिलीज़ हुई ब्रिटिश फ़िल्म ‘The Man Who Knew Infinity’ देख सकते हैं.
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32 साल की उम्र में रामानुजन ने गणित के तक़रीबन 3900 के सफ़ल रिज़ल्ट दिए थे. आज दुनिया भर के गणितज्ञ उनके सभी Identities और Equations को सही मानते हैं. मैथ्स में 2520 को रामानुजन नंबर के नाम से जाना जाता है. भारत में रामानुजन की जयंती के मौके पर हर साल 22 दिसंबर को ‘राष्ट्रीय गणित दिवस’ मनाया जाता है.
बता दें कि 13 साल की उम्र में ख़ुद की थ्योरम बनाने वाले रामानुजन ने मैथ्स की कोई ट्रेनिंग नहीं ली थी. बावजूद इसके उन्हें उस समय का सबसे बड़ा गणितज्ञ मना जाता है. उनकी कई गणितीय खोज शुद्ध Intuition पर आधारित थीं, जिनको बाद में दुनियाभर के गणितज्ञों ने भी सही मना था. रामानुजन ने अपने गणितीय करियर में कई मैजिकल नंबर्स खोजे थे, इन्हीं में से एक संख्या ‘2025’ भी थी.
इस संख्या के पीछे है एक रोचक कहानी
गणित (Mathematics) की दुनिया में ‘2025’ एक ख़ास संख्या मानी जाती है. इस नंबर की खोज का श्रेय देश के महान गणितज्ञ रामानुजन को जाता है. इसीलिए इस संख्या को ‘रामानुजन मैजिकल नंबर’ भी कहा जाता है. दरअसल, ये वो ख़ास संख्या है जिसे 1 से 10 से विभाजित किया जा सकता है. रामानुजन ने तब इस संख्या की खोज करके विश्व के गणितज्ञों को भी आश्चर्य में डाल दिया था.
दरअसल, सदियों तक ये माना जाता रहा था कि ऐसी कोई भी संख्या नहीं है जिसे 1 से 10 तक के सभी अंको से विभाजित किया जा सके. लेकिन रामानुजन ने इन अंकों के साथ माथापच्ची करके इस मिथ को तोड़ दिया था. उन्होंने एक ऐसी संख्या खोजी थी जिसे 1 से 10 तक के सभी अंकों से विभाजित किया जा सकता है यानी भाग दिया जा सकता है.
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ये ख़ास संख्या 1 से 10 तक के प्रत्येक अंक से भाज्य है. ऐसी संख्या जिसे इकाई तक के किसी भी अंक से भाग देने के बाद शेष शून्य रहे. ये बेहद ही असंभव और दुर्लभ है. ये संख्या 1 से 10 तक कि सभी संख्याओं का LCM भी है. 2520 1 से 10 तक के सभी पूर्णांकों से विभाज्य सबसे छोटी संख्या है, अर्थात ये उनका सबसे छोटा सार्व गुणज है. 2520 अंतिम उच्च भाज्य संख्या है जो इन सभी उच्च भाज्य संख्याओं का भाजक है.
इसका गणितीय रिज़ल्ट:
2520 ÷ 1 = 2520
2520 ÷ 2 = 1260
2520 ÷ 3 = 840
2520 ÷ 4 = 630
2520 ÷ 5 = 504
2520 ÷ 6 = 420
2520 ÷ 7 = 360
2520 ÷ 8 = 315
2520 ÷ 9 = 280
2520 ÷ 10 = 252
क्यों ख़ास है ये संख्या?
दरअसल, 2520 वास्तव में (7 x 30 x 12) का गुणनफल है. दुनिया के गणितज्ञों को तब और भी आश्चर्य हुआ जब रामानुजन जैसे एक बड़े गणितज्ञ द्वारा ये संज्ञान में लाया गया कि ये संख्या हिन्दू कैलेंडर के अनुसार एक ऐसी संख्या है, जो सप्ताह के दिन (7) x माह के दिन (30) x वर्ष के (12) महीनों का = 2520 योग है. यही भारतीय गणना की श्रेष्ठता है.
आज से क़रीब 100 साल पहले खोजी गई ये संख्या बेहद ख़ास थी. हालांकि, समय के साथ दुनिया के अन्य गणितज्ञ भी ऐसी कई संख्याएं खोज चुके हैं.
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