बच्चे जब छोटे होते हैं तो उनके लिए पैरेंट्स बहुत ही ज़्यादा प्रोटेक्टिव होते हैं. वो उनको किसी तरह की भी तकलीफ़ नहीं देना चाहते हैं. सारी दुनिया की ख़ुशियां अपने बच्चों के लिए लाकर देना चाहते हैं. मगर आपका यही प्यार कभी-कभी बच्चों के लिए हानिकारक हो जाता है. उन्हें मैच्योर नहीं बनने देता है. इसलिए आपको अपने बच्चों को प्यार देने के साथ-साथ उन्हें उनकी ज़िम्मेदारियों के बारे में भी बताना ज़रूरी होता है. उन्हें ज़िंदगी से जुड़ी छोटी-छोटी बातों के बारे में सिखाना चाहिए. ताकि वो कभी अकेले पड़ जाएं तो उन्हें इन परेशान न होना पड़े.
वैसे तो पैरेंट्स अपने बच्चों के लिए सब कुछ बेहतर ही करते हैं. मगर कभी-कभी छोटी-छोटी बातों का ध्यान अपने बेहिसाब प्यार की वजह से नहीं दे पाते हैं. ये हैं वो बातें:
1. अपने बच्चों को हर वक़्त ये मत महसूस कराएं कि वो छोटे हैं. उन्हें घर के कामों में जैसे, सफ़ाई, कपड़े धोना और किचन के छोटे-छोटे कामों को सिखाने की कोशिश करें.
2. अगर आपके बच्चे किसी काम को करने से डर रहे हैं, तो उनका साहस बढ़ाएं और यक़ीन दिलाएं की आप उन पर विश्वास करते हैं. न कि उन्हें पीछे हटने की सलाह दें.
3. ग़लतियां करने पर उन्हें डांटने की बजाय समझाए. उन्हें ग़लतियों को करने की छूट दें, लेकिन इस बात का भी धम्यान रखें कि वो ग़लती उनको कोई हानि न पहुंचाएं.
4. इनडोर गेम्स खेलते हुए अगर चीज़ें टूट जाती हैं, तो उन्हें उसके लिए ज़िम्मेदार ठहराने की बजाय समझाएं कि ऐसा करने से चीज़ें तो टूटेंगी ही उन्हें चोट भी लग सकती है.
5. अपने बच्चों का जवाब आप मत बनिए. अगर उनसे कोई कुछ पूछता है तो उनको ही जवाब देने दें. इससे आपके बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ेगा.
6. अपने बच्चों को जितना अनुशासन सिखाएं. ताकि वो एक हेल्दी लाइफ़ जी सकें. उन्हें रोज़मर्रा की इन बातों का जैसे जल्दी उठना, खाने से पहले और बाद में हाथ धोना, दांतों को रोज़ ब्रश करना और अपने सामान को जगह पर रखना सिखाएं.
7. अगर आपके बच्चे को छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता है तो उसे कंट्रोल करने का रास्ता ढूंढें. जिन बातों से वो गुस्सा होता है उन्हें अवॉइड करें.
8. बच्चों के साथ रहना अच्छा होता है, लेकिन हर वक़्त उनके साथ रहना अच्छा नहीं होता है. कोशिश करें कि वो स्कूल और कोचिंग अकेले जाएं. आप उन्हें बिना बताए फ़ॉलो करें ताकि उन्हें अकेले चलने की आदत बनें.
9. अपनी पसंद को उन पर न थोपें, उन्हें ख़ुद से पसंद करने का मौक़ा दें.
10. उसके हर काम को आप न करें. कुछ उन्हें ख़ुद भी करने दें ताकि वो आत्मनिर्भर बनें.
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