इस समय देश कोरोना वायरस नाम के संकट से गुज़र रहा है. ये संकट तब ख़त्म होगा जब सभी सोशल डिस्टेंसिंग को फ़ॉलो करेंगे. इसके साथ ही घर पर रहकर इस लड़ाई में हमारे योद्धाओं का साथ दे देंगे. कोरोना वायरस नाम की इस मुसीबत ने बहुत कुछ ख़राब कर दिया है. बस अगर कुछ अच्छा है तो वो लोगों का हौसला, जो इस लड़ाई में बराबर लोगों की मदद के लिये लगे हैं. इसके साथ ही घर बैठे लोगों को हिम्मत भी दे रहे हैं.
ये हैं वो हिम्मतवाले लोग:
1. महिला पुलिसकर्मी
एमपी की एक महिला पुलिसकर्मी, जो ड्यूटी ख़त्म होने के बाद घर पर ज़रूरतमंदों के लिए मास्क बनाती हैं. इस महिला पुलिसकर्मी की कुछ तस्वीरे ट्विटर पर लोग शेयर कर रहे हैं. इन तस्वीरों में वो मास्क बनाती दिखाई दे रही है. वायरल ट्वीट के अनुसार, इस महिला का नाम सृष्टि स्रोतिया है. सृष्टि मध्यप्रदेश के खुरई ग्रामीण पुलिस थाने में कार्यरत हैं.
#मध्यप्रदेश #सागर के खुरई थाने की महिला आरक्षक सृष्टि श्रोतिया लॉक डाऊन में पुलिस की ड्यूटी निभाने के बाद घर जाकर मास्क बनाती है। ये मास्क थाने के स्टाफ से लेकर आम जनता तक को बांट रही है।
— Sandeep Singh संदीप सिंह ‘सहर’ (@SINGH_SANDEEP_) April 4, 2020
सृष्टि के जज़्बे को कोटि कोटि प्रणाम… @SPSagarmp @DGP_MP @ChouhanShivraj @PMOIndia pic.twitter.com/0pHm3o8eKQ
2. मॉडल बनी डॉक्टर
2019 में ‘मिस इंग्लैंड’ रह चुकी भारतीय मूल की 24 वर्षीय भाषा मुखर्जी पेशे से डॉक्टर रह चुकी हैं. भाषा ने अपने ब्यूटी क्राउन को साइड में रख एक बार फिर डॉक्टर के रूप में कोरोना के ख़िलाफ़ काम करने का फ़ैसला किया है.
3. मिठाई वाला
बंगाल के एक मिठाई विक्रेता ने कोरोना वायरस के प्रति लोगों को सजग करने के लिए अनूठा रास्ता निकाला है. इस दुकान पर कोरोना जैसे दिखने वाली मिठाई लोगों को मुफ़्त में दी जा रही है. ये मिठाई की दुकान कोलकाता के जादवपुर इलाके में है. इसका नाम Hindustan Sweets है.
4. कोरोना हेलमेट पहनने वाला युवा
मुरादाबाद निवासी विशेष पाल कोरोना हेलमेट पहनकर लोगों को घर में रहने के लिये जागरुक कर रहे हैं. ताकि लोग घर पर रह कर अपनी और दूसरों की जान बचा सकें.
Moradabad: Vishesh Pal, a social worker, wears a #coronavirus-themed helmet & appeals to people who are out on the streets to stay at home, during the lockdown imposed to prevent spread of the disease. He says, “I appeal to people to stay at home to ensure safety of everyone”. pic.twitter.com/vxGcqT45Cp
— ANI UP (@ANINewsUP) April 4, 2020
5. 250 लोगों का पेट भरने वाला कुक
मेरठ के रहने वाले 32 वर्षीय शकील शादी-ब्याह में खाना बनाने का काम करते थे. पर लॉकडाउन की वजह से उनके काम पर काफ़ी प्रभाव पड़ा. इसके बाद उन्होंने दोस्तों के साथ मिल कर मदद का हाथ आगे बढ़ाया. शकील अपने पैसे से सामान ख़रीद कर लोगों के लिये खाना पकाते हैं फिर से उसे दोस्तों की मदद तक ज़रूरतमंदों तक पहुंचाते हैं.
6. बुज़ुर्ग जोड़े ने दान कर दी पेंशन
एमपी की 82 वर्षीय सलभा उसकर ने कोरोना वायरस की लड़ाई के लिये राज्य सरकार को पेंशन के एक लाख रुपये दे दिये. उसकर और उनके पति ने दो महीने की पेंशन के पैसे राहत कोष में देने का निर्णय लिया.
7. जानवरों को खाना खिलाने वाली छात्रा
दिल्ली की एक वेटेरिनरी स्टूडेंट विभा तोमर जानवरों को भूख से बचाने के लिए उन्हें खाना खिलाती हैं. जानवरों को खाना खिलाना विभा अपना कर्तव्य समझती हैं.
8. ड्यूटी पर गर्भवती नर्स
एस विनोथिनी तमिलनाडु के रामनाथपुरम से हैं और बतौर नर्स लोगों की सेवा में लगी हुई हैं. देश की सेवा करते हुए एस विनोथिनी ये भी भूल गई कि उनकी कोख़ में 8 महीने का बच्चा पल रहा है. इतना ही नहीं, अपनी ड्यूटी पूरी करने के लिये उन्होंने 250 किलोमीटर का सफ़र तक किया.
9. ग़रीबों की मदद के लिये आगे आया ट्रांसजेंडर समुदाय
बरेली के 50 ट्रांसजेंडर मुसीबत की इस घड़ी में लोगों के लिये मसीहा बन कर सामने आये हैं. समुदाय के मेंबर के मुताबिक, कई ऐसे दिहाड़ी मजदूर हैं, जिनकी कमाई लॉकडाउन की वजह से बंद हो गई है. समुदाय के लिये मनावता सेवा सबसे अच्छी सेवा है.
10. कार को बनाया एंबुलेंस
देवप्रयाग के रहने वाले 32 वर्षीय गणेश भट्ट ने कोरोना मरीजों की मदद के लिये अपनी कार को एंबुलेंस में बदल डाला. भट्ट को जब इस बात की जानकारी हुई कि कोरोना वायरस के भय से ड्राइवर्स मरीजों को अस्पताल नहीं ले जा रहे हैं, तो उन्होंने मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिये कार को एंबुलेंस बना दिया.
11. बंगला साहिब गुरुद्वारा
जब-जब इंसानियत और मदद की बात होती है सबसे पहले सिख समुदाय का ही नाम ज़ुबां पर आता है. दुनिया पर जब-जब मुश्किल समय आया है, तब-तब सिख समुदाय पहले मदद के लिये आगे आया है. बाढ़ हो, भूकंप हो या कोई और प्राकतिक आपदा सिख समुदाय हर वक़्त मदद के लिए सबसे पहले आगे आया है. कोरोना वायरस ने जब कई बेबस लोगों की रोटी छीनी, तो दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) ने उनका पेट भरने का ज़िम्मा उठाया. रिपोर्ट के अनुसार, गुरुद्वारा बंगला साहिब हर रोज़ 40 हज़ार लोगों के लिये खाना तैयार कर उनका पेट भर रहा.
Delhi: Food being prepared at Gurudwara Bangla Sahib to distribute among the needy in different parts of the city. #CoronavirusLockdown pic.twitter.com/kMiYoYrMD2
— ANI (@ANI) March 29, 2020
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