कोविड-19 की महामारी के बीच लोगों को सोशल मीडिया की ताकत भी देखने को मिली. सोशल मीडिया की ताकत के कारण ही कभी भूखों को खाना मिल पाया, तो कभी कई लोग अपनों तक वापस पहुंच पाये. इस दौरान सोशल मीडिया ने एक 12 वर्षीय लड़के को भी उसके माता-पिता से मिला दिया. सोशल मीडिया की मैजिकल स्टोरी को IPS अधिकारी अरुण बोथरा ने ट्विटर पर बयां किया.
Magic of Twitter. A short story.
— Arun Bothra (@arunbothra) May 23, 2020
A migrant couple staying in Delhi left for their home in Bihar before the lockdown. They left their 12 years old child with a relative. But the family soon threw him out. With nowhere to go the child moved to a park in Dwarka and stayed there… pic.twitter.com/Gk1QxYb25I
ये घटना दिल्ली के द्वारका की है. Gulf News की रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन से पहले लड़के के माता-पिता उसे दिल्ली में रिश्तेदारों के पास छोड़ गये थे. वो उसे लेने आने ही वाले थे कि देशभर में लॉकडाउन की घोषणा हो गई. लॉकडाउन के कारण रिश्तेदारों ने इस लड़के को घर से निकाल दिया. ऐसे में उसके पास सड़क पर ज़िंदगी गुज़ारने के अलावा कोई चारा नहीं था. इस दौरान वो द्वारका के एक पार्क में ठहरा रहा.

पार्क में बच्चे को इस तरह बेसराहा देख योगिता नामक महिला उसका सहारा बनी. महिला ने हफ़्तों तक उसे खाना खिलाया. इस दौरान बच्चे की दुर्दशा देख स्नेहा नामक एक अन्य महिला भी उसकी मदद को सामने आई. उसने बच्चे के दर्द को ट्वीट पर बयां किया और उसे उसके माता-पिता से मिलाने का निवेदन किया. बच्चे के माता-पिता बिहार के समस्तीपुर में रहते थे.
A kid in Delhi needs to be reunited with parents in Samastipur. His parents left before lockdown and left kid with his https://t.co/Z8iylFMjmq disupte happend and kid is now living in park.His meals are managed by a friend but Streets are not safe. @indiacares_2020 @arunbothra
— Sneha (@Sneha37891894) May 20, 2020
सोशल मीडिया पर बच्चे के बारे में पढ़ कर कई लोग उसकी मदद को सामने आये. अंत में सबकी मेहनत रंग लाई और बच्चे के माता-पिता को पटना से दिल्ली लाया गया. आखिरकार पार्क में बच्चा अपने माता-पिता से मिल गया.
@Sanjay97odisha arranged for their travel to Patna. @indiacares_2020 arranged the tickets. The family reached Delhi today morning and met the child in the park.
— Arun Bothra (@arunbothra) May 23, 2020
Moral of the story: You may not have money or position to help people but tagging someone on Twitter is easy & free 😊 pic.twitter.com/IoHhcIrlWM
एक तरफ़ बच्चे के रिश्तेदार थे, जिन्होंने मुश्किल घड़ी में उसे घर से निकाल दिया. दसूरी तरफ़ सोशल मीडिया पर वो बेगाने थे, जिन्होंने उसे उसके मां-बाप तक पहुंचाने में जी-जान लगा दी. ये दुनिया भी अजीब है यार.
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