लॉकडाउन दुनिया के सभी लोगों के लिये एक नया अनुभव है. शुरुआत में तो ऐसा लगा, जैसे हमें किसी पिंजरे में बंद कर दिया हो. पर जैसे-जैसे समय बिताता गया लॉकडाउन ठीक लगने लगा. इसकी वजह वो चीज़ें हैं जो हमने लॉकडाउन में अनुभव की हैं, वो शायद अपने जीवनकाल में कभी नहीं कर पाते. भागती-दौड़ती ज़िंदगी में थोड़ा ठहराव आया और ये ठहराव सबके अंदर कुछ न कुछ बदलाव भी लाया. 

वो साकारात्मक बदलाव जिसकी हम सबको ज़रूरत थी, क्योंकि समय की कमी की वजह से हम सब चलाऊ टाइप ज़िंदगी जी रहे हैं. लॉकडाउन में कुछ लोगों का छिपा टैलेंट भी बाहर आया. जब हमने अपनी टीम के साथियों से पूछा कि लॉकडाउन ने उन्हें क्या पॉज़िटिव सीख दी है, उनके जवाब जानकार मन ख़ुश हो गया. 

1. संचिता पाठक
– घर का काम और दफ़्तर का काम कैसे मैनेज करना है, ये समझ आ गया है. 

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– धैर्य बढ़ गया है, ताज्जुब होता है इस पर कभी-कभी. 

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– लोगों से Expectations पहले से कम हो गई हैं.

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– बहुत देर तक चुप रह सकती हूं, बिना कुछ बोले!

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– पहले काम-काज में चीज़ें बहुत गिरा देते थे या फैला देते थे, या ख़ुद फैल जाते थे. अब ये आदत कम हो गई है. 

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2. राशि शर्मा

– हमको हमेशा से उगते सूरज की देखना काफ़ी पसंद है, पर पहले देर से उठते थे. अब लॉकडाउन में सुबह 5.30 बजे उठ जाते हैं और सूरज से बातें करने की कोशिश करते हैं. इस तरह रुटीन भी सही हो गया. वो कहते हैं कि सुबह जल्दी उठने वाला इंसान हेल्दी, वेल्दी और वाइज़ होता है. ऐसा कुछ हो रहा है मेरे साथ और ये अच्छा है. 

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3. जेपी गुप्ता
– खाने की अहमियत समझ में आ गई. अब न ख़ुद वेस्ट करता हूं और न ही करने देता हूं. 

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– एक्सरसाइज़ का महत्व पता चला गया, जिस वजह से रोज़ एक्सरसाइज़ करता हूं. 

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4. कृतिका निगम

घर के कामों में हाथ बंटाने लगी हूं. 

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लॉकडाउन ने घर पर रहना सिखा दिया. 

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5. नबील

– घर में बैठे-बैठे कुछ टेक्निकल स्किल्स बढ़ाने का मौक़ा मिला. 

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6. शोभा सामी 

– चीज़ों को पेंडिंग न छोड़ने की आदत डाली. 

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7. ईशी कानोडिया 

– ज़रूरी है कि हम वक़्त को हल्के में न लें, हो सकता है जो आज है कल न हो. 

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– Kindness से बड़ा कुछ नहीं.

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8. महीपाल सिंह बिष्ट
– कोरोना संकट के बीच फ़ैमिली की इम्पोर्टेंस पता चली है. 

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– अब बचत करने की एक अच्छी आदत शुरू हो गई है.

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9. आकांक्षा तिवारी 

– कोई भी चीज़ स्थिर नहीं है. इसलिये आत्मनिर्भर बनो भाई.

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अब आप बताओ आपने कौन सी पॉज़िटिव चीज़ सीखी? 

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