अंधविश्वास की सबसे खास बात ये है कि बिना तर्क के होने के बावजूद कई लोग इनमें धड़ल्ले से विश्वास करते रहे हैं. भारत में भी अंधविश्वास का लंबा इतिहास रहा है. 21वीं सदी में प्रवेश करने के बावजूद आज भी हमारे देश में कई अंधविश्वास प्रासंगिक बने हुए हैं. दुनिया के अलग-अलग देशों में भी अंधविश्वास की काफ़ी गहरी जड़ें हैं. अंधविश्वास हमेशा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को परम्परा के रूप में मिलता रहा है.

आज हम आपके सामने कुछ ऐसे ही अंधविश्वासों की सूची लेकर आए हैं, जिनमें से कुछ पर आपको गुस्सा आएगा, कुछ पर हंसी आएगी, तो कुछ को पढ़कर आप हैरान हुए बिना नहीं रह पाएंगे.

1. काली बिल्ली का रास्ता काटना

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आप किसी अच्छे काम के लिए बाहर जा रहे हैं, और कोई बिल्ली आपके सामने से निकल गई तो ये अपशगुन हो जाता है. इस अपशगुन से बचने के लिए लोग या तो वापस लौट जाते हैं, या फिर थोड़ी देर रूक कर जाते हैं. कई लोग भगवान का नाम लिए बिना नहीं निकलते या फिर किसी इंसान के उस रास्ते से निकलने का इंतज़ार करते हैं.

2. दुल्हन की नज़र उतारना

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जब दुल्हन विदा होकर अपने ससुराल आती है, तो घर की बड़ी-बुजुर्ग औरतें पानी और धार (पूजा में प्रयोग की जाने वाली एक सामग्री) से उसकी आरती करती हैं, फिर उसे कुएं में डाल देती हैं. इससे माना जाता है कि दुल्हन के साथ आई बुरी आत्माएं घर के अंदर प्रवेश नहीं करेंगी.

3. बुरी नज़र का लगना

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अकसर मां अपने बेटे के माथे पर काला टीका और गले-हाथों पर ताबीज़ बांध देती है. ये सब वो अपने बच्चे को बुरी नज़र से बचाने के लिए करती है. कई लोग बीमार होने पर नज़र लगने को दोष देते हैं. इलाज कराने के बजाए लोग बाकायदा झाड़-फूंक तक करवाते हैं. नज़र से बचने के लिए कई बुद्धिजीवी लोग भी बाजू पर ताबीज़ और पैरों में काले धागे बांधते हैं.

4. टूटा हुआ कांच

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ये अंधविश्वास सामान्य जीवन से निकलकर बॉलीवुड फ़िल्मों तक में जा पहुंचा है. फ़िल्मों में अकसर दिखाया जाता है कि, टूटे हुए कांच को आने वाली किसी दुर्घटना के संकेत के रूप में प्रकट किया जाता है. इस अंधविश्वास के पीछे, शायद टूटे हुए कांच से लगने वाली चोट होगी क्योंकि टूटे हुए कांच में चेहरा देखने से लेकर, उसे घर में रखने तक को, अपशगुन माना जाता है.

5. कुत्ते-बिल्ली के रोने को माना जाता है अपशगुन

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लोग कुत्ते-बिल्लियों के रोने को अशुभ समझते हैं. इसे लोग आने वाली किसी भयंकर विपदा के संकेत के रूप में भी देखते हैं. इसके पीछे भी कोई ठोस तर्क नहीं है, फिर भी बरसों से लोग इस अंधविश्वास को मानते आ रहे हैं.

6. दिशाशूल और दिन सम्बंधी अंधविश्वास

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ये भारत के सबसे प्रचलित अंधविश्वासों में से एक है. इसमें सप्ताह के दिनों के हिसाब से अलग-अलग दिशाओं में जाना अपशगुन माना जाता है. इसके अलावा दिनों के हिसाब से नाखून काटने, बाल कटवाने और मांसाहार खाने को लेकर भी प्रतिबंध रहता है.

7. नदी में सिक्का फेंकने से मिलती है सफ़लता

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ये अंधविश्वास भी काफ़ी ज़्यादा प्रचलित है. लोगों का मानना का है कि नदी में सिक्के फेंकने से सफ़लता मिलती है. इस अंधविश्वास के पीछे कोई तार्किक कारण नहीं है. बस ये अपने पूर्वजों से मिली एक परम्परा है, जिस पर लोग आज भी विश्वास करते हैं.

8. छींक, मतलब कुछ अशुभ होने का संकेत

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अगर आपके घर वाले किसी शुभ काम की बात कर रहे हैं और आपको उस बीच छींक आ गई, तो लोग ऐसे घूरने लगते हैं कि जैसे अचानक से आपके सिर पर सींग निकल आए हों. दरअसल, छींक को लोग विघ्न के रूप में लेते हैं. लोगों का मानना है कि शुभ काम के दौरान छींक देने से किसी अप्रिय घटना के होने की संभावना बढ़ जाती है.

9. विधवाओं को रखा जाता है शुभ कार्यों से दूर

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ये अंधविश्वास, प्रचलित सभी अंधविश्वासों में सबसे वाहियात है. इसके मुताबिक, विधवा महिलाओं को अशुभ मानकर, उन्हें विवाह और दूसरे शुभ कार्यों से दूर रखा जाता है. विधवा महिलाओं को सफेद रंग के अलावा किसी और रंग की साड़ी पहनने पर रोक होती है. अगर किसी महिला के पति की मृत्यु हो जाती है, तो उसका दंड महिला को क्यों मिले? लेकिन समाज के ठेकेदार, इसे परम्परा मानकर इसका पालन करते हैं. इस अंधविश्वास का आज भी कई ग्रामीण इलाकों में पालन किया जाता है.

10. सिर पर कौवे के बैठने को माना जाता है, मौत का प्रतीक

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अमेरिका में कैप्टन जैक स्पैरो भले ही अपने सिर पर कौवे को बैठाए घूमते हों, लेकिन भारत में सिर पर कौवा बैठने को बड़ा अपशगुन माना जाता है. लोग इसे मौत का प्रतीक भी मानते हैं. बचने के टोटके के रूप में जिसके सिर पर कौवा बैठा है, उसका कोई सगा-सम्बंधी रो दे, तो इस अपशगुन का प्रभाव खत्म हो जाता है.

11. पीपल के पेड़ पर भूत रहते हैं!

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बचपन में सबके दादा-नाना भूतों की कहानियां सुनाते हैं, कई तो ऐसी कहानियां सुनाते हैं, जिसमें उन्होंने भूतों से आमने-सामने लड़ाई की है. ज़्यादातर कहानियों में लोगों की भूतों से मुलाकात, पीपल के पेड़ के नीचे ही होती है. दरअसल, पीपल का पेड़ रात के वक्त कार्बन डाइऑक्साइड और दूसरी हानिकारक गैसें छोड़ता है, जिससे लोगों का दम घुटने लगता है. इसी कारण, इस धारणा को बल मिला कि पीपल के पेड़ पर भूत रहता है.

12. इंसानों के ऊपर छिपकली गिरने का प्रभाव

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अगर छिपकली किसी इंसान के ऊपर गिर जाए, तो उसे अशुभ माना जाता है. इसके प्रभाव को खत्म करने के लिए लोग तुरन्त पूरे शरीर पर साफ़ पानी छिड़कते हैं. इस अंधविश्वास का भी कोई आधार नहीं है.

13. गंगा में डुबकी लगाने से धुल जाते हैं पाप

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लोगों का मानना है कि गंगा में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं. इसके अलावा नदी में इंसानों की बढ़ती संख्या भी इसे दूषित बनाती है. ये अंधविश्वास एक तरह से पाप को ही बढ़ावा देता है. कोई भी नदी में जाकर स्नान कर ले, उसके सारे पाप धुल जाएंगे. इसके बाद वो फिर पाप कर सकता है. ये अंधविश्वास से ज़्यादा एक धार्मिक मान्यता है.

14. माहवरी के दिनों में महिलाओं को माना जाता है अशुद्ध.

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ये सबसे ज़्यादा प्रचलित अंधविश्वासों में से एक है. मासिक धर्म के समय महिलाओं को अशुद्ध और अछूत माना जाता है. उनके मन्दिर और रसोई में प्रवेश पर सख़्त रोक होती है. देश के कई हिस्सों में, जहां पुरूषवादी समाज हावी है. वहां अब भी इस अंधविश्वास में यकीन करते हज़ारों लोग आपको मिल जाएंगे .

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इस के पक्ष में एक तर्क दिया जा सकता है कि मासिक धर्म के समय महिलाओं में खून की कमी और थकान हो जाती है, इसलिए उन्हें भारी कामों से बचाने के लिए रोक लगाई जाती है. लेकिन अशुद्ध और अछूत मानना एक तरह से महिलाओं का अपमान है.

15. सूर्य डूबने के बाद नहीं करनी चाहिए सफ़ाई

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ये भी एक अंधविश्वास है कि सूर्य के डूबने के बाद घर की साफ़-सफ़ाई नहीं करनी चाहिए. इसमें विश्वास करने वाले लोगों का मानना है कि ऐसा करने से हमारे जीवन में दुर्भाग्य आता है और धन की भी हानि होती है. कुछ दशकों पहले बिजली और उजाले की सही व्यवस्था न होने से रात के समय सफ़ाई करते समय अगर कोई कीमती सामान गिरा हो, तो उसे भी गलती से बाहर फेंक दिया जाता था. इसी कारण से इस अंधविश्वास का जन्म हुआ, जो आज भी प्रचलन में है.

16. नींबू-मिर्च को दरवाजे से लटकाना

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ये ऐसा प्रचलित अंधविश्वास है, जिसे आप अकसर दुकानों और घरों के दरवाज़ों पर लटकता हुआ देखते होंगे. लोगों का मानना है कि एक नींबू में सात मिर्च लगाकर, दरवाज़े पर टांगने से बुरी आत्माएं अंदर प्रवेश नहीं कर पाती हैं.

17. लोहे की बनी धारदार चीज़ों को हाथ में नहीं दिया जाता है

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अंधविश्वास के तहत लोग, चाकू और कैंची जैसी चीजों को सीधे हाथ में नहीं देते हैं. इसके पीछे शायद ये कारण रहा हो कि ऐसी चीज़ें चोट पहुंचा सकती हैं, इसलिए इन्हें सीधे हाथ में देने के बजाए नीचे रख दिया जाता हो. आज भी ये अंधविश्वास समाज के कई हिस्सों में प्रासंगिक बना हुआ है.

18. दीपावली की रात को लक्ष्मी घर में आती हैं

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लोग मानते हैं कि दीपावली की रात को लक्ष्मी घर में आती हैं. इसलिए दीपावाली के दिन लोग घर की सफ़ाई करते हैं और कई लोग तो अपने घर को खुला छोड़ कर भी रखते हैं.

19. घर से बाहर निकलते समय किसी का टोक देना

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घर से निकलते समय अगर किसी ने ये पूछकर टोक दिया कि ‘कहां जा रहे हो?’ तो लोग मानते हैं कि, जिस काम के लिए बाहर जा रहे हैं, वो काम पूरा नहीं होगा. उसमें कोई न कोई दिक्कत या परेशानी ज़रूर आएगी. इसी तरह लोग घर से बाहर निकलते समय विधवा और तेली के सामने आ जाने को भी अपशगुन मानते हैं.

इसके अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में भी ऐसे धारणाएं और विश्वास चलन में हैं, जिनका कोई भी तार्किक आधार नहीं है. उनके बारे में आपको फिर कभी जानकारी देंगे.