आम के पेड़ों पर बौर आ जाए, फसलें खेतों में लरहाने लगे और पीले-पीले पलाश के फूलों से सजी धरती दिखे तो समझ जाओ वसंत ऋतु ने दस्तक दे दी है. वसंत ऋतु के आते ही प्रकृति अपनी सुंदरता के चरम पर होती है. मगर इस बार घर में रहने की वजह से कहीं जा नहीं सकते हैं. इस लॉकडाउन ने हम इंसानों पर तो रोक लगा दी, लेकिन प्रकृति पर नहीं लगा पाया और न ही कोई प्रकृति को रोक सकता है. क्योंकि प्रकृति है तो हम हैं, वरना हमारा कोई अस्तित्व ही नहीं है.
प्रकृति जब चाहे जो चाहे कर सकती है. अगर आपको यक़ीन नहीं है तो एकबार दुनियाभर में खिले इन फूलों को देख लीजिए. इनकी वजह से ऐसा लग रहा है मानो धरती ने रंगीन चादर ओढ़ ली हो.