क्या आपको भी आसमान देखते देखते उसमें चेहरे दिखते हैं? क्या सब्ज़ियों में कभी लगा है कि आंखें हैं इसकी तो? अगर ऐसा लगता है तो परेशान मत होइए. ये कोई बीमारी नहीं, बल्कि मेडिकल टर्म में इसे पेरीडोलिया (Pareidolia) कहते हैं. ये एक साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर है. इसमें लोगों को किसी भी चीज़ को देर तक देखते रहने से उसमें चेहरे नज़र आने लगते हैं. 

Pareidolia पर रिसर्च करने वाले यूनिवर्सिटी ऑफ़ टोरंटो के प्रोफ़ेसर Kang Lee ने बताया,

इस डिसऑर्डर से परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि ये उन्हीं में होता है जिनका दिमाग़ तेज़ होता है, उन्हें ही ज़्यादातर चीज़ों में चेहरे नज़र आते हैं.

प्रोफ़ेसर Lee ने आगे बताया,

Pareidolia, ह्यूमन ब्रेन के Visual Cortex और Frontal Cortex के बीच के तालमेल को दिखाता है. उदाहरण के तौर पर, जब आप शाम को किसी अंधेरी गली में घूम रहे होते हैं, तो आपका दिमाग़ अंधेरे में पेड़ को किसी इंसान की ऑकृति समझ लेता है. यही कारण है कि Pareidolia अक्सर अस्पष्ट स्थितियों में होता है. 

Pareidolia को बख़ूबी समझने के लिए आप ये कुछ तस्वीरें देख सकते हैं:

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