कुछ दिनों पहले केरल में प्रेगनेंट हथिनी को अनानास में पटाखे खिलाने की विभत्स घटना सामने आई थी, फिर मध्यप्रदेश में एक गाय के साथ भी पटाखों का यही खेल खेला गया. इस तरह की क्रूरता भरी घटनाएं ये यही बताती हैं कि हम एक ऐसे समाज का हिस्सा हैं, जहां कुछ लोगों के लिए जानवरों की ज़िंदगी की कोई अहमियत नहीं है. बेज़ुबान जानवरों के साथ दुर्व्यवहार करना उनके लिए मनोरंजन का साधन है. उन्हें बेवजह इंसानों की क्रूरता का शिकार होना पड़ता है. कभी कोई कुत्ते के हाथ पैर बांधकर तालाब में फेंकता है तो कभी कोई गाय को देखते ही हट-हट करके भगा देता है. मगर कहते हैं कि जानवर कभी बेवजह किसी को नहीं मारते हैं. इंस्टाग्राम पर milkdongcomics नाम के एक आर्टिस्ट ने जानवरों के साथ होने वाली क्रूरता को अपनी आर्ट के ज़रिए दिखाया है.

बेज़ुबान निर्दोष जीवों को उनके पंख, सींग और दांतों के लिए मार दिया जाता है. कुछ लोग इन्हें लड़ाई के लिए बड़ा करते हैं और दूसरे जानवर से लड़ाते हैं. इस दौरान ये मर भी जाते हैं.

जानवरों का उपयोग दवाओं, मेकअप और अन्य उत्पादों के परीक्षण के लिए भी किया जाता है, जो ग़लत है. जिन्हें जानवरों से प्यार हैं उनका मानना है कि जानवरों के साथ क्रूरता पर कोई कड़ा क़ानून नहीं है, इसलिए लोग इनके साथ दुर्व्यवहार करने से पहले सोचते नहीं हैं.

बेशक़, आप सबकी अपनी-अपनी राय हो सकती है, लेकिन किसी की भी जान के साथ खिलवाड़ करना सही नहीं हैं. इसलिए ये हमारी ज़िम्मेदारी बनती है कि हम एक ऐसी दुनिया बनाएं जहां ये जानवर सुरक्षित रह पाएं.

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