सफ़लता ऐसी चीज़ है, जिसे हर कोई पाना चाहता है. इसके लिए लोग हर तरह का प्रयास करते हैं. लेकिन फिर भी सफ़लता नहीं मिलती है. ऐसे में उनके दिमाग़ में ये ख़्याल आता है कि सफ़ल लोग आख़िर अपनी ज़िन्दगी में ऐसा क्या करते हैं, जो हम नहीं कर पाते हैं?
जवाब बहुत सरल है. सफ़ल लोग भी उतनी मेहनत करते हैं, जितना कि एक आम आदमी करता है. लेकिन सफ़ल लोगों की दिनचर्या संयमित होती है. सफ़ल लोग सोने से पहले ऐसे किसी काम के बारे में नहीं सोचते हैं, जिससे कि उनके दिमाग़ में टेंशन हो.
आइए आपको बताते हैं कि सफ़ल लोग सोने से पहले क्या-क्या करते हैं.
1. आराम

भले ही आज़ादी के दौरान नारा लगा हो कि ‘आराम हराम है’, लेकिन वास्तव में सफ़ल और स्वस्थ जीवन जीने के लिए आराम बहुत ज़रूरी है. सफ़ल लोग काम करने के बाद सोने के बजाए ऐसे काम करते हैं, जिनसे मन को शांति और आराम मिले. इसमें नहाने से लेकर हल्के-फुल्के टीवी शो देखना शामिल हैं.
2. पढ़ना

विशेषज्ञों का मानना है कि सोने से पहले पढ़ना काफ़ी लाभदायक होता है. पढ़ने से दिमाग़ के पुराने और गैरज़रूरी विचारों की जगह पर नए विचार आते हैं और दिन भर की थकान भी मिट जाती है. किताबें सोचने और समझने की शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी बनाए रखती हैं. इसलिए सफ़लता पाने के लिए सोने से पहले किताबें पढ़ना बहुत ज़रूरी है.
3. योजना बनाकर काम करना

सफ़ल लोग पहले ही योजना बना लेते हैं कि अगले दिन उन्हें क्या करना है. इससे सोते समय दिमाग़ पर बोझ नहीं रहता है. मानव स्वभाव के अनुसार लोगों को चिंता करने की आदत होती है और सोने से पहले ज़्यादा चिंता होती है. ऐसे में अगर आप योजना बनाकर काम करेंगे, तो आपको बेवजह चिंता करने की ज़रूरत नहीं रहेगी.
4. अपनों से जुड़ना

सोशल मीडिया के इस दौर में जितना लोग अपने स्मार्टफ़ोन के साथ जुड़ रहे हैं, उतना ही अपने परिवार से दूर हो रहे हैं. ये आप पर निर्भर करता है कि आप बगल में बैठी अपनी फ़ैमिली से बात करते हैं या फिर सोशल मीडिया की आभासी दुनिया के किसी अज़नबी से? सफ़ल व्यक्ति हमेशा रात का वक़्त सोशल मीडिया के बजाए अपने परिवार के साथ बिताता है.
5. नशे से दूरी

सफ़लता प्राप्त करने के लिए ज़रूरी है कि नशे की लत से बचा जाए. इस बात की हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि कम से कम, सोने से पहले किसी भी नशीली चीज़ का सेवन न किया जाए. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ के अनुसार, Alcohol के सेवन के बाद इंसान नींद की उस गहरी अवस्था में नहीं जा पाता, जिसकी दिमाग़ को ज़रूरत होती है.
अगर इन छोटी-छोटी चीज़ों पर ध्यान दिया जाए, तो अच्छी नींद आएगी. फिर सफ़लता मिलने में भी कोई विशेष मुश्किल नहीं होगी क्योंकि एक स्वस्थ दिमाग़ से ही एक स्वस्थ शरीर बनता है और स्वस्थ शरीर से ही सफ़लता मिलती है.