लद्दाख की गलवान घाटी से भारतीय सैनिकों की शहादत की ख़बर आ रही है. 15 जून की रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए. आर्मी ऑफ़िसर कर्नल संतोष बाबू भी शहीद जवानों में से एक हैं.
For your supreme sacrifice made for the country generations to come will remember & cherish your valour. Our throughts & prayers are with families of all three bravehearts – Colonel Santosh Babu, Havildar Palani & Sepoy Ojha. My deepest condolences and salute! Rest in peace! pic.twitter.com/Xp4qbEKwqA
— Pema Khandu (@PemaKhanduBJP) June 16, 2020
संतोष बाबू के माता-पिता तेलंगाना के सूर्यपेट में रहते हैं. वहीं उनके बीवी-बच्चे दिल्ली में रहते हैं. माता-पिता इस आस में थे कि लॉकडाउन ख़त्म होते ही वो पत्नि और बच्चों के साथ घर आएंगे. पर अफ़सोस ऐसा न हो सका. शहीद कर्नल के पिता बी. उपेंद्र का कहना है कि कर्नल संतोष और बच्चे दिल्ली से हैदराबाद शिफ़्ट होने वाले थे. बच्चे ट्रांसफ़र को लेकर बेहद उत्साहित भी थे, क्योंकि वो दादा-दादी के और नज़दीक आ जाते. कर्नल के पिता का कहना है कि उन्हें सीमा पर चल रहे तनाव का पता था, पर ऐसा होगा सोचा न था.
वहीं कर्नल की मां मल्लिका का कहना है कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है. पर एक मां के तौर पर वो टूट गई हैं. उनका कहना है कि वो ऐसे शख़्स थे, जो किसी को बचाने के लिये अपनी जान जोख़िम में डालने से पहले सोचते तक नहीं थे. मां का कहना है कि वो फिर से कभी कर्नल की वज़नदार आवाज़ में अम्मा नहीं सुन पाएंगी.
COLONEL SANTOSH BABU
— Vikas Manhas (@manhasvikas41) June 16, 2020
16 BIHAR
has left behind
his wife Ms Santoshi
daughter Abhigna (9)
son Anirudh(4)#Ladakh #knowyourheroes pic.twitter.com/uTyzRtQ2cC
शहीद कर्नल संतोष बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफ़िसर थे और करीब डेढ़ साल से सीमा पर तैनात थे. उनकी पत्नि का नाम संतोषी है. उनकी 9 साल की एक बेटी और एक 4 वर्षीय बेटा भी है. संतोष बाबू के पिता रिटायर्ड बैंकर हैं और उन्होंने रविवार शाम फ़ोन पर मां से बात करते समय बॉर्डर पर चल रहे तनाव का ज़िक्र भी किया था. वो अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे. 2004 में उन्होंने सेना जॉइन की थी और उनकी पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में हुई थी.
Oh my God. Life would have come to a standstill in 20 homes tonight. Wives who will never see their husbands again. Children who will have to go through life without their father. Parents, siblings all with empty eyes looking at their doors. Heartbreaking reality in this pic. 💔 pic.twitter.com/VAYZSx5rqx
— Navika Kumar (@navikakumar) June 16, 2020
बता दें कि 1975 के बाद ये पहली बार है जब भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई है. देश के लिए अपनी जान क़ुर्बान करने वाले जवानों हर एक हिंदुस्तानी आपका कर्ज़दार है.
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