हम अपनी लड़कियों को घर से बाहर निकलने, बैठने, हंसने और चलने के तरीक़े बताते रहते हैं. रात में मत जाना हर वक़्त दिमाग़ में यही बात डालते रहते हैं. और कहीं वो रात में गई और कुछ हो गया तो सारा ठीकरा उस रात और उस पर फोड़ देते हैं कि देखा, रात में गई इसलिए ऐसा हुआ. मगर हम कभी ग़लत करने वाले को कुछ नहीं कहते क्योंकि वो लड़के होते हैं और लड़के तो घर चराग़ होते हैं, भले ही वो मिट्टी के तेल से ही जलने वाला चराग़ क्यों न हों.

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इसलिए हमें समाज में इस भेदभाव को मिटाने के लिए लड़कियों के साथ-साथ लड़कों को भी शिक्षा देनी चाहिए. उन्हें भी सही और ग़लत के बारे में बताना चाहिए. आपको अपने लड़कों को ये बातें ज़रूरी बतानी और सीखानी चाहिए.

ये रहीं वो 7 ज़रूरी बातें और स्टेप्स:

1. लड़कों को पर्सनल स्पेस के बारे में ज़रूर बताएं. जैसे वो अपनी बहुत सी बातें सिर्फ ख़ुद तक रखना चाहते हैं, वैसे ही दूसरों का भी पर्सनल स्पेस होता है.

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2. लड़कों को भी घर के कामों का हिस्सा बनाएं, ताकि उन्हें भी एक ग्लास पानी देना अपना काम लगे. उन्हें ये न लगे कि सफ़ाई, कुकिंग और छोटे-छोटे घरेलू काम सिर्फ़ लड़कियों के ही होते हैं.  

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3. लड़कों को हां और न का मतलब समझाना बहुत ज़रूरी है. ताकि वो इन दो बड़ी बातों को सिर्फ़ अपनी सहजता से न इस्तेमाल करें. कभी-कभी पेरेंट्स प्यार में अपने बेटों को हर चीज़ के लिए हां करते रहते हैं, यही आदत बड़े होकर उनको नुक़सान पहुंचाती है. इसलिए उन्हें न सुनने की भी आदत डलवाएं.

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4. रंग, खिलौने और जो किरदार आप तय करते हैं, वो भेदभाव का कारण बनता है. जैसे पिंक कलर सिर्फ़ लड़कियां पहन सकती हैं. लड़की हो तुम्हें तो गुड़िया ही अच्छी लगती होगी. कभी भी अपने बच्चों को किसी चीज़ में बांधे नहीं. उसे हर चीज़, हर खिलौने और रंग का महत्व समझाइए.

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5. किसी भी अच्छी बात की शुरुआत घर से होती है. इसलिए अपने बेटे को ये ज़रूर बताएं कि सड़क पर चलने वाली हर लड़की की भी रिस्पेक्ट करे. इसकी शुरुआत आपको करनी चाहिए, उसके सामने कभी किसी लड़की की बुराई न करें. आपकी ये आदत ही उसे दूसरी लड़कियों की इज़्ज़त करना सिखा सकती है.

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6. किसी को भी जज करना बुरी आदत है और ये हमारी सोसाइटी में बहुत होता है. यहां अपना बेटा हीरा और दूसरे के बच्चे पत्थर. इसलिए उसे समझाएं कि हर किसी के व्यवहार के पीछे कोई न कोई वजह होती है, उस वजह तक जाने की कोशिश करे न कि उन्हें वो जज करने लग जाए कि ये तो ऐसे ही हैं.     

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