जल ही जीवन है!

ये बात जितनी सच है उतनी ही ज़रूरी भी. जिस तेज़ी से पानी का स्तर घट रहा है उसे देखते हुए हमें पानी की क़ीमत को समझना बहुत ज़रूरी है. कितनी बार होता है हम बर्तन धोने, नहाने या कपड़े धोने के लिए नल चालू करते हैं. फिर उसे बंद नहीं करते और पानी बहता रहता है. हमें पानी के मोल को समझना चाहिए, जैसे बंगलुरु के किसान विश्वनाथ एस. ने समझा है.

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वो पिछले दो दशकों से एक ऐसा जीवन जी रहे हैं, जो उनके लिए तो फ़ायदेमंद है ही साथ ही पर्यावरण के लिए भी उपयोगी है. इस जीवन को जीते हुए वो पानी की बचत, शुद्ध हवा का प्रयोग, सोलर एनर्जी का प्रयोग अच्छे से कर रहे हैं. इसके अलावा वो खाने के लिए पर्याप्त अनाज भी उगा लेते हैं.

The Better India की रिपोर्ट के अनुसार,

इसकी शुरुआत विश्वनाथ ने अपनी पत्नी चित्रा के साथ मिलकर सही घर लेने से की थी. उन्होंने अपने घर को बेहतर तरीके से बनवाया है. उनके इस इको-फ़्रेंडली घर में Rain Water Harvesting सिस्टम के ज़रिए छत पर हर साल क़रीब 1 लाख लीटर बारिश का पानी जमा होता है. इस पानी का इस्तेमाल विश्वनाथ पीने के साथ-साथ घर के अन्य कामों में भी करते हैं. 

बेंगलूरु के हर घर में एक भूमिगत टैंक है, जिसमें इकट्ठा हुए पानी का इस्तेमाल वो लोग घर के कामों में करते हैं. 

विश्वनाथ बताते हैं,

ये ज़मीन से बारिश का पानी और ओवरफ़्लो टैंक से बहते पानी को इकट्ठा करता है. ज़मीन में रेत और अनाज की परतें एक प्राकृतिक फ़िल्टर का काम करती हैं और घटते भूजल तालिकाओं को संरक्षित करती हैं.
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उन्होंने आगे कहा,

RWH ने विश्वनाथ के पानी के बिल में कटौती करते हुए 8-10 महीनों के लिए ज़ीरो कर दिया है. 

पानी के अलावा वो सोलर एनर्जी का भी उचित इस्तेमाल करते हैं. इससे वो 70 फ़ीसदी बिजली की आपूर्ति कर लेते हैं. घर को खुला-खुला और हवादार बनवाने की वजह से उन्हें प्राकृतिक रौशनी और हवा बख़ूबी मिलती है. विश्वनाथ ने अपने घर में एसी, कूलर और पंखा नहीं लगवाया है. 

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विश्वनाथ अपने घर की 100 स्क्वेर फ़ीट की छत में पानी स्टोर करने के अलावा अनाज भी उगाते हैं. वो यहां चावल और सब्ज़ियों की खेती करते हैं. इससे वो हर साल लगभग 120 किलो चावल और हरी सब्ज़ियां उगा लेते हैं. खाना पकाने के लिए वो सोलर कूकर और सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करते हैं. 

इतना ही नहीं विश्वनाथ गार्डनिंग के लिए भी ग्रे वॉटर का इस्तेमाल करते हैं. कपड़े धोने में बचा पानी ग्रे वॉटर होता है. इसके लिए उन्होंने अपने घर में ग्रे वॉटर को इस्तेमाल करने लायक पानी बनाने के लिए सिस्टम लगाया है. इस सिस्टम को उन्होंने अपनी वॉशिंग मशीन और बाथरूम के नल से सीधा जोड़ रखा है, यहीं से पानी सीधे साफ़ होकर गार्डन में पहुंच जाता है. 

इस अशुद्ध पर्यावरण में शुद्ध और साफ़ हवा-पानी के साथ जीना कोई विश्वनाथ से सीखे.

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