जहां एक तरफ हिन्दुस्तान और पाकिस्तान नफ़रत की आग में जल रहे हैं, वहीं बॉर्डर पर रह रहे इन बच्चों की मासूम दोस्ती की कहानी इंटरनेट पर वायरल हो रही है.

ये बच्चे शायद युद्ध का मतलब भी नहीं समझते होंगे, बेखबर होंगे इस बात से कि दोनों देशों के बीच क्या चल रहा है और इसका क्या परिणाम हो सकता है, तभी इनकी दोस्ती पर इन सब बातों का कोई असर नहीं पड़ रहा. ये बस इतना जानते हैं कि नदी के उस पार जो बच्चा रहता है, वो इनके साथ रोज़ खेलता है इसलिए वो इनका दोस्त है.

अच्छा लगता है देखकर कि अब भी कहीं तो अमन के फूल खिले हुए हैं. ये कहानी है तीन बच्चों की, जिनमें से 2 नदी के इस पार रहते हैं और 1 नदी के उस पार रहता है. नदी के इस पार हिन्दुस्तान है और उस पार पाकिस्तान. ‘Humans of Pakistan’ इस कहानी को सामने लाया है.

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पाकिस्तान के दो बच्चों ने बताया है कि नदी की दूसरी ओर उनका एक हिन्दुस्तानी दोस्त रहता है. ये बच्चे स्कूल से आने के बाद रोज़ एक खेल खेलते हैं, हालांकि ये बच्चे कभी मिले नहीं हैं. बच्चे नदी में दूर तक पत्थर फेंकने का कॉम्पीटीशन करते हैं. जो ज़्यादा दूर तक पत्थर फेंकता है, वो जीतता है. इसी तरह हर दिन ये बच्चे साथ में खेलते हैं.

ये बच्चे शायद एक-दूसरे का नाम भी नहीं जानते. नदी के शोर में इनकी आवाजें दूसरी ओर नहीं पहुंच पाती हैं, पर ये बच्चे जानते हैं कि इनका वो दोस्त हिन्दुस्तानी कश्मीरी है. अच्छी बात ये है कि इस बात से न तो इनके खेल पर कोई असर पड़ता है और न ही इनकी दोस्ती पर.

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काश कि ये दो मुल्क भी इन बच्चों की तरह एक-दूसरे को अपना साथी, अपना दोस्त मान पाते. काश कि असलियत में अमन के फूलों की जगह नफ़रत के कांटे न उग रहे होते…