300 Meter Go Straight Then right! ये तो रोज़ सुनते ही हैं हम सब. मगर कभी-कभी इंटरनेट की प्रॉब्लम की वजह से ‘दीदी’ बोलती नहीं हैं और हम ‘जापान की जगह चीन’ पहुंच जाते हैं. अब इन्हें कौन बताए कि ‘दीदी’ आप शांत होती हैं तो हमारी समस्याएं बढ़ जाती हैं.

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कल ही मेरे साथ हुआ. मुझे अपने ऑफ़िस जो ग्रीन एवेन्यू रोड में है. वहां से तिलक नगर मार्केट जाना था. कैब में बैठकर मैं फ़्री हो गई कि अब तो भइया लोकेशन मैप से चलेंगे तो मुझे क्या चिंता. पहले मैं फ़ोन पर मम्मी से बात करने लग गई. फिर फ़ोन काटकर थोड़ी आंख बंद कर ली. आंख बंद करते ही कैब वाले भइया एक दम से बोले अरे यार!. मुझे लगा कुछ तो हुआ है देखा तो उन्होंने गाड़ी अंडरपास के ऊपर से लेने के बजाय अंदर ले ली थी. अब एक बार अंडरपास में गाड़ी घुसी तो फिर तो पूरा क्रॉस ही करना पड़ता है.

जैसे ही अंडरपास में घुसी इंटरनेट आ गया और ‘दीदी’ बोलीं, कि ‘Take Slight Left From Underpass’. मैंने तुरंत बोला आप थोड़ा लेट हो गईं और आपकी वजह से मैं ज़्यादा लेट हो गई. अब उन्हें कौन बताए कि मुझे मार्केट पहुंचना है और मैं लेट हो रही हैं. ये तो मेरे साथ का क़िस्सा था.

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एकबार ऐसा ही मेरे फ़्रेंड के साथ हुआ. उसे दिल्ली में आए ज़्यादा दिन नहीं हुए हैं, लेकिन वो भी लोकेशन मैप तो यूज़ कर लेता है. आजकल लोग हाइ-टेक जो हो गए हैं. उसे फ़रीदाबाद से दिल्ली आना था. उसने वहां से लोकेशन मैप सेट किया और वही समस्या इंटरनेट स्लो हुआ और उसको लेफ़्ट लेना था वो उसी रोड पर आगे आ गया. अब उसे सही रोड पर पहुंचने में क़रीब 30 से 45 मिनट लग गए. उसके बाद कहीं जाकर उसे अपना सही रूट मिला. इस वजह से वो सुबह 10 बजे का फ़रीदाबाद से निकला-निकला दोपहर के 3 बजे दिल्ली पहुंचा.

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लोकेशन मैप की वजह से मुझे या मेरे दोस्त को ही समस्या नहीं है, बल्कि कई लोगों को समस्या होती है. अगर लोकेशन मैप की वजह से आप भी कभी रास्ता भटके हैं तो वो अनुभव आप हमसे कमेंट बॉक्स में शेयर कर सकते हैं.

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