एक IAS अधिकारी ने लॉकडाउन का भरपूर फ़ायदा उठाया. अधिकारी ने इस दौरान न सिर्फ़ सूखी और बेजान नदी को जीवित किया, बल्कि 800 लोगों को काम भी दिया.

कहानी उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िला स्थित कल्याणी नदी की है. नदी को पुर्नजीवित करने में गांववालों ने IAS अधिकारी का पूरा साथ दिया. नतीजा आप इस तस्वीर में देख सकते हैं. दरअसल, लॉकडाउन के चलते मवैया गांव के बहुत से लोगों को घर लौटना पड़ा था. इनमें से कई ऐसे थे, जिनका रोज़गार छिन चुका था. अधिकारी ने समय के महत्व को देखते हुए एक प्रोजेक्ट के तहत कल्याणी नदी का कल्याण कर डाला. अब कल्याणी नदी का रंग-रूप सब बदल चुका है. अधिकारी द्वारा ये काम मनरेगा के अंतर्गत किया गया है.
यह लघु सरिता का बहता जल
— District Magistrate Barabanki (@BarabankiD) June 18, 2020
कितना शीतल, कितना निर्मल
तन का चंचल मन का विह्वल
गंगा, यमुना, सरयू निर्मल
यह लघु सरिता का बहता जल
ग्राम पंचायत मवैया, विकास खंड फतेहपुर में #कल्याणी_नदी को मनरेगा के अंतर्गत पुनर्जीवित करने की कार्य आरंभ होने से पहले एवं कार्य की समाप्ति की कुछ तस्वीरें। https://t.co/9nRZkJskqE pic.twitter.com/rDTc21Dmvi
इस परियोजना को खंडों में विभाजित किया गया था. पहले फे़ज़ के लिये 59 लाख रुपये का बजट पास किया गया. मवैया गांव में नदी का 2.6 किलोमीटर का हिस्सा आता है. वहीं 1.5 किलोमीटर पास के हैदरगढ़ में है. बताया जा रहा है कि एक वक़्त ऐसा था. जब किसान नदी का इस्तेमाल सिंचाई के लिये करते थे. पर कुछ समय बाद नदी में लोगों ने शौच करने के साथ-साथ कचरा डालना शुरू कर दिया. यही वजह थी कि नदी धीरे-धीरे सूखती चली गई.

वहीं जब देशभर में लॉकडाउन की घोषणा की गई, तो अधिकारी को नदी साफ़ करने का मौक़ा मिल गया. इसके अलावा बेरोज़गार लोगों को रोज़गार देने का भी. डॉक्टर आदर्श सिंह ने ये कार्य महज़ 60 दिन में कर दिखाया. अब ग्रामीण भी चारो ओर नदी की स्वच्छता बनाये रखने के लिये जागरुकता फैला रहे हैं. 170 किमी लंबी कल्याणी नदी अब ख़ूबसूरत दिख रही है.
सच कहूं तो हमारे देश को ऐसे ही अधिकारियों की आवश्यकता है.
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