स्कूलों में पेरेंट-टीचर मीटिंग होती है और पेरेंट्स का उस दिन स्कूल जाना ज़रूरी भी होता है. मगर मणिपुर के चुराचंदपुर ज़िले में इसका बिल्कुल उल्टा वाक्या देखने को मिला. यहां पेरेंट्स नहीं, बल्कि प्रिंसिपल पेरेंट्स मीटिंग लेने के लिए बच्चों के घर गए. प्रिंसिपल रॉबिन एस पुखराम चुराचांदपुर के सेंट स्टीफ़न इंग्लिश स्कूल के प्रिंसिपल हैं. रॉबिन अपने सहयोगी टीचर्स के साथ लगभग 120 किमी की यात्रा कर दूर-दराज़ के बच्चों के घर पहुंचे. इस यात्रा के दौरान 10 से 12 किमी तक जंगलों में ट्रेकिंग करके जाना पड़ता है.
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The Better India की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रिंसिपल रॉबिन एस. पुखराम ने कहा,
हमारे बहुत सारे छात्र स्कूल से लगभग 120 किलोमीटर दूर गांवों में रहते हैं. इलाक़ा पहाड़ी होने की वजह से गांवों में बसें नहीं जाती हैं और पीटीएम में आने के लिए पैरेंट्स को निजी वाहन करने पड़ते हैं, जिनका खर्चा क़रीब 2 हज़ार रुपये आता है. ये सभी ज़्यादा किसान हैं या फिर दिहाड़ी मज़दूर. इनके लिए इतना किराया देना मुश्किल है. इसलिए हम ख़ुद जाते हैं बच्चों की पेरेंट्स मीटिंग करने. ‘रॉबिन सर’ 2018 से क़रीब 25 से अधिक गांवों में पैरेंट्स मीटिंग कर रहे हैं.
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उन्होंने आगे बताया,
जब हमें गांवों में देर हो जाती है, तो हम वहीं रुक जाते हैं. फिर ब्लैक टी पीने के साथ-साथ पैरेंट्स से स्कूल को बेहतर बनाने की चर्चा करते हैं.
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आपको बता दें, 2016 में स्कूल का कार्यभार संभालने वाले प्रिंसिपल ने अपनी बचत से एक हॉस्टल खोला था, जिसमें छात्र से सबसे कम किराया 200 रुपये लिया जाता है. 2015 में स्कूल में 50 छात्र थे, 2016 के बाद छात्रों की संख्या बढ़ी और अब क़रीब 545 से अधिक छात्र हैं.
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