मुझे मेरे ऑफ़िस में क़रीब डेढ़ साल होने वाले हैं और इन डेढ़ सालों में मैंने न जाने कितनी कैब, बस, मेट्रो और ऑटो में सफ़र किया है. जैसा मैंने आपको पिछले आर्टिकल में बताया था कि बस न आने की वजह से मैं कैब में ही जाती हूं तो आजकल और अगर पहले के भी कुछ दिन जोड़ लो तो शायद कैब का सफ़र ज़्यादा निकलेगा.
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इस सफ़र के दौरान मैं कई कैब ड्राइवर्स से मिली हूं. कभी-कभी रात में लेट हो जाता है घर जाने में तो भी कैब ही बुलाती हूं. यक़ीन मानिएगा आज तक इन डेढ़ सालों में मुझे कोई भी ऐसा कैब ड्राइवर नहीं मिला जिसने मुझसे ग़लत तरीके से बात की हो या उसके बात करने के तरीके से मुझे कोई भी असहजता हुई हो.
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सबने मुझसे बहुत ही सलीके से बात की. अगर कभी थोड़ा आगे-पीछे भी छोड़ना पड़ा तो छोड़ दिया. एक ड्राइवर का क़िस्सा बताती हूं. मैंने ऑफ़िस के लिए कैब बुलाई, मैं कैब में बैठी और इयरफो़न लगाकर गाने सुनने लगी. तभी मेरी और कैब ड्राइवर की कुछ बात-चीत शुरू हुई और उसने मुझे अपने बारे में सबकुछ बताना शुरू कर दिया. उसने बताया कि मैडम मेरे भाई की शादी हो गई थी उसकी डेथ हो गई और फिर मेरी भाभी की शादी मुझसे करा दी गई. आज हम बहुत ख़ुश हैं और मेरे भाई और भाभी का एक बेटा था वो भी मुझे अपने पापा से कम नहीं समझता.
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एक पल को मुझे लगा कि मैं इसके घर की थोड़ी ही हूं जो ये सब कुछ मुझे बता रहा है. फिर मुझे लगा कि कुछ एहसास हुआ होगा कि मैं इसकी बातों को सुनूंगी शायद इसलिए मुझे बताने लगा. इसके बाद मेरा ऑफ़िस आ गया और मैं कैब से उतरने लगी तो उसने मुझे थैंक्यू बोला वो इसलिए क्योंकि मैंने उसकी बातें ध्यान से सुनीं.
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ऐसे ही एक बार मुझे एक ड्राइवर मिला. उसने बताया कि वो फ़ैमिली वाला है और बच्चों को अच्छी जगह पढ़ाने के लिए वो कैब के बाद मेंहदी लगाने का और भी कई छोटे-छोटे काम करता है. ऐसे क़िस्से तो बहुत हैं. पर इनकी बातें ये सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि मुझे ही क्यों ऐसे ड्राइवर मिलते हैं?
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ऐसा शायद इसलिए होगा क्योंकि मैं इनकी बात को अपने शब्दों में पिरोकर आप तक पहुंचा सकती हूं और आपको इस बात को सोचने पर मजबूर कर सकती हूं कि इस दुनिया में अभी ऐसे लोग बचे हैं जो लोगों के साथ अच्छा करते है.
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आज ये क़िस्से मैं आप तक इसलिए लाई क्योंकि मुझे जब भी किसी ने बताया तो यही बताया कि उस ड्राइवर ने ऐसा कर दिया. वो मुझे ऐसे घूर रहा था, वो मुझसे ऐसे बातें कर रहा था. मैं मानती हूं आपको ऐसे लोगो मिले होंगे, लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं. इसी तरह हर तरह के इंसान भी इस दुनिया में होते हैं.
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