आज जो हुआ न उसे देखकर बहुत गुस्सा भी आया और अफ़सोस भी हुआ. बस का सफ़र कभी-कभी मुझे परेशान कर देता है. दरअसल, मैं जिस मेट्रो फ़ीडर पर चढ़ी आज. उसके ड्राइवर 60 की उम्र के होंगे और कंडक्टर की उम्र कुछ 30 साल के करीब होगी. ये इसलिए बता रही हूं क्योंकि आज जो हुआ उसके लिए उम्र बताना ज़रूरी था.

thehind

मेरी बस, बस स्टैंड से कुछ दूरी पर ही गई तभी उसकी कार से टक्कर हो गई. उस टक्कर में कार के शीशे टूट गए. तभी कार को बस के रोकते हुए उससे क़रीब 5 लड़के उतरे, सभी लंबे-चौड़े थे सबकी उम्र 25 से 30 के अंदर थी. उतरकर आए और दो लड़के ड्राइवर को सीट से खींचने लग गए. मैं ड्राइवर की पास वाली सीट में ही बैठी थी तो मैंने ड्राइवर को पकड़ा ताकि वो गिर न जाए क्योंकि वो गिरते तो उन्हें चोट बहुत आ जाती और उनकी उम्र भी बहुत थी. उनमें से 3 लड़कों ने कंडक्टर को नीचे उतारा और मारने लगे.

तभी दूसरी लड़की नीचे उतरी उसने कंडक्टर को बचाना चाहा. मैंने बस में बैठे बाकि लोगों से कहा कि आप लोग उतरकर उन्हें बचा लो तभी एक आदमी बोला कि अरे ये लड़के ऐसे ही होते हैं, इनके बीच में कौन बोले? मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने उस पर बहुत ज़ोर से चिल्लाया कि अगर ये बदतमीज़ी कर रहे हैं मारपीट कर रहे हैं तो आप इनसे डरकर चुपचाप बैठे रहेंगे. इन लोगों को बचाएंगे नहीं.

howstuffworks

फिर दूसरे आदमी ने मुझे इशारा किया कि मैडम मत ज़्यादा बोलिए. मैंने कहा आप चुप रहिए मैं आप की तरह नहीं हूं. तभी मैंने और उस लड़की ने उन लड़कों से कहा कि आपका जो नुकसान हुआ है वो ले लो मार क्यों रहे हो? आप उन्हें इसलिए मारने की हिम्मत कर रहे हैं क्योंकि आपको पता है वो आपको नहीं मार पाएंगे. अभी कोई आप लोगों की ही उम्र का होता तो आप लोग ये सब नहीं करते शायद. 

giphy

तो वो लोग बोले मेरे दोस्त को चोट लगी है मेरी गाड़ी टूटी वो नहीं दिख रहा आपको. बता दूं कोई चोट नहीं लगी थी बस कंडक्टर को मारने में उसके दोस्त के हाथ में थोड़ी सी लग गई थी. फिर उन लोगों ने उन्हें मारना बंद किया, लेकिन हमारी बस में आख़िरी स्टॉप तक गए और दोनों को पूरे रास्ते गाली देते रहे.

एक बात तो उस दिन समझ आई थी कि हम हमेशा उसी अपनी ताकत दिखाते हैं जो हमसे कमज़ोर होता है.

Life से जुड़े आर्टिकल ScoopwhoopHindi पर पढ़ें.

Illutrated By: Muskan Baldodia