‘Raymond, The Complete Man’
Raymond वो ब्रैंड है, जिसके Ads में Soothing Music होता है, जिसकी Script में हमेशा ही एक अच्छे आदमी की Qualities को दिखाया जाता है. Raymond का नाम इंडियन मिडिल क्लास के लिए वैसा ही है, जैसा टूथपेस्ट के लिए Colgate का और डिटर्जेंट के लिए Surf Excel का. शादी या किसी फंक्शन में Suiting-Shirting शब्द का नहीं, ‘रेमंड के कपड़े’ का इस्तेमाल होता है.
ऐसा नहीं है कि Raymond की टक्कर का कोई ब्रैंड नहीं है. बल्कि इसकी कामयाबी का एक कारण इंडियन मिडिल क्लास का Raymond की Tagline – The Complete Man से जुड़ाव है.
अभी तक Raymond के जितने भी Ads देखे होंगे, उनमें हमेशा वो आदमी दिखाया जाता है, जो भारतीय Values को समझता है.
जैसे ये Ad, जिसमें वो सालों बाद भी अपने टीचर की Respect करना नहीं भूला है:
और ये TVC, जिसमें वो ओल्ड एज होम में अकेले पड़े, भुलाए जा चुके उस आदमी को उसकी फ़ैमिली से मिलवाने की कोशिश करता है.
ये भी एक Raymond Man ही है, जो अपने बच्चे और पत्नी के लिए एक दिन ऑफ़िस Skip करता है. उसे पता है कि इससे उसकी मर्दांगनी में कमी नहीं आएगी.
इतने सालों में Raymond ने हमें इस ‘Complete Man’ की अलग-अलग छवि दिखाई है. लेकिन जिस Brand ने भारत को The Complete Man दिया, उसी के CEO ने अपने पिता के साथ वो किया, जो इस Brand की Ideology और Thought से बिलकुल परे था.
हाल ही में आपने न्यूज़ में ये सुना या पढ़ा होगा कि रेमंड को देश का नामचीन Brand बनाने वाले विजयपत सिंघानिया इस समय मुंबई में किराये के एक घर में रह रहे हैं. डॉक्टर विजयपत सिंघानिया इस समय आर्थिक संकट से गुज़र रहे हैं और इसके लिए वो पूरी तरह से अपने बेटे, गौतम सिंघानिया को ज़िम्मेदार मानते हैं, जो इस वक़्त कंपनी के CEO हैं. गौतम को अपनी कंपनी का कार्यभार सौंपने के दौरान डॉक्टर विजयपत ने उन्हें सब कुछ दे दिया था. विजयपत का आरोप है कि इसके बाद से ही उन्हें हर चीज़ से बेदखल कर दिया गया. यहां तक कि अपने ही एक अपार्टमेंट के लिए उन्हें अपने बेटे और रेमंड से कोर्ट में लड़ाई लड़नी पड़ रही है.
ये कितनी दुर्भाग्य की बात है कि जो कंपनी लोगों को Complete Man बनने का का ज्ञान दे रही है, उसके सीईओ ने इस तरह का Unmanly काम किया है. किसी भी Brand की आइडियोलॉजी या उसकी सोच हमेशा उसके Work Culture को दर्शाती है और उससे ज़्यादा उसके कर्ता-धर्ता की पहचान होती है.
गौतम सिंघानिया ने 78 साल के अपने पिता के साथ ऐसा बर्ताव कर के कहीं से भी Complete Man जैसा काम नहीं किया है.
I Hope, गौतम सिंघानिया को इस बात का एहसास जल्द ही हो कि जिस सोच की वजह से उनका Brand इतना आगे बढ़ा, उन्होंने उसे ही ग़लत साबित कर दिया. गौतम सिंघानिया को अपने Brand के कुछ Ads देखने की ख़ुद ज़रूरत है, ताकि उन्हें एहसास हो कि कम से कम वो वो Complete Man नहीं हैं.
Video Source: Raymond Limited