हर रोज़ हमारे आस-पास ऐसी घटनाएं होती हैं, जिनका हम विरोध जताते हैं. विरोध जताने का भी हर किसी का अपना अंदाज़ होता है. कोई ख़मोश रह कर विरोध दिखाता है, कोई लड़-झगड़ कर. वहीं वाराणसी का एक शख़्स ऐसा भी है, जिसका विरोध जताने का स्टाइल ही काफ़ी यूनिक है. यानि वो मज़ाक-मज़ाक में गंभीर बातें समाज के सामने रख रहे हैं.
रविकांत विश्वकर्मा वाराणसी से हैं और पेशे से वक़ील हैं. वो पार्षद भी रह चुके हैं. रविकांत विश्वकर्मा जिस प्रकार से जनता के मुद्दों को प्रशासन के सामने रखते हैं, उसके क्या ही कहने.
1. कामुकता शांति यज्ञ
कई नेताओं पर बलात्कार और सेक्सुअल हैरसमेंट के आरोप लगाये गये थे. इन विषयों ने विश्वकर्मा को ‘कामुकता शांति यज्ञ’ करने पर मजबूर किया.
एंटी रोमियो स्क्वॉड और लव जिहाद जैसी चीज़ों की वजह से जब मासूम लोग परेशान होने लगे, तो विश्वकर्मा ने अपनी पत्नी के साथ फ़ोटो शेयर किया. इस तस्वीर में वो पत्नी को जयमाला डालते हुए दिखाई दे रहे थे. इस फ़ोटो के ज़रिये वो ये कहना चाहते थे कि सभी पति-पत्नियों को इस तरीके से फ़ोटो लेकर घूमना चाहिये. ताकि इन सब दिक्कतों से बच सकें.
देश के सबसे प्रदूषित शहर की लिस्ट में वाराणसी टॉप पर है. ऐसे में विश्वकर्मा साहब ने शिवलिंग को मास्क पहना दिया. उनका कहना है कि बनारस में भगवान को जीवित समझा जाता है. इसलिये उन्हें मास्क पहना कर सुरक्षा दी गई. इसके साथ ही इस तरीके से उन्होंने लोगों को मास्क पहनने के लिये भी प्रेरित किया.
विश्वकर्मा की ‘वाराणसी क्योटो’ वाली तस्वीर भी काफ़ी चर्चा में रही थी. इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि सड़क में जमा बारिश के पानी से वाराणसी का बुरा हाल है.
एक समय में पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ‘उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार होते रहे और वो ऐसे देखते रहे, मानों बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहा रहे हों.’ इसके बाद विश्वकर्मा ने इसका विरोध इस तरह से जताया था.
विश्वकर्मा जी के इलाके में सीवर का पानी भरा हुआ था. इसकी शिकायत भी की गई, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने मामले को अनसुना-अनदेखा कर दिया. इसके बाद उन्होंने इस तरीके अपना विरोध दर्ज किया.