प्रेम ही एक ऐसी चीज़ है जो इंसान से कुछ भी करा सकती है. अब ये बाप-बेटे का प्रेम ही है, जो बुज़ुर्ग पिता तक पहुंचने के लिये बेटा 85 दिनों तक नाव चलाता रहा.
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ये क़िस्सा अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स का है. लॉकडाउन के कारण अर्जेंटीना की फ़्लाइट्स कैंसल कर दी गई थी. वहीं Juan Manuel Ballestero नामक व्यक्ति एक द्वीप पर फ़ंसे हुआ था. कोरोना के आतंक को देखते हुए उन्हें अपने 90 वर्षीय पिता की टेंशन हो रही थी. इसलिये वो चाहते थे कि किसी तरह जल्द से जल्द घर पहुंच सकें.
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घर पहुंचने के लिये Ballestero ने 29 फ़ीट की एक नाव बनाई. इसके साथ ही सफ़र के लिये खाने-पीने की सारी चीज़ें भी इक्ठ्ठा कर लीं. वहीं मार्च में अटलांटिक पहुंचते ही उन्होंने दोस्तों और अधिकारियों से बात की. सबने उन्हें ऐसा करने से मना किया. पर Ballestero घर पहुंचने का मन बना चुके थे. इसलिये उन्होंने किसी की नहीं सुनी और सफ़र के लिये निकल गये. रिपोर्ट के अनुसार, 12 अप्रैल को वो केप वर्ड पहुंच चुके थे. इसके बाद का सफ़र उनके लिये आसान नहीं था. पर फिर भी उन्होंने अपने क़दम पीछे नहीं खींचे और आगे के सफ़र के लिये निकल पड़े.
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Ballestero कहते हैं कि मैं घर पहुंचने के लिये कुछ भी कर सकता था. मेरे लिये सबसे ज़रूरी चीज़ परिवार के साथ होना था.
सच्ची में परिवार से बढ़कर दुनिया में है ही क्या!
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