कोविड- 19 को फैलने से रोकने के लिए भारत सरकार ने मार्च में लॉकडाउन लगा दिया. इस वजह से लाखों लोगों का रोज़गार छिन गया. लाखों लोग शहरों से अपने-अपने घरों को लौटने पर मजबूर हो गए.

अनलॉक के बाद, काम की तलाश में बहुत से लोग वापस शहर का रुख कर चुके हैं. बहुत से लोगों ने वापस से पुराना काम शुरू कर दिया है. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने अपना काम शुरू कर दिया और आत्मनिर्भरता की ओर क़दम बढ़ा लिए.  

Hindustan Times

मिलिए अहमदाबाद के ठक्कर अश्विन से. ANI की रिपोर्ट के अनुसार, ठक्कर देख नहीं सकते और वो अहमदाबाद के एक होटल में बतौर टेलिफ़ोन ऑपरेटर काम करते थे. मई-जून के महीने में ठक्कर ने कैरी बेचनी शुरू की. इसके बाद उन्होंने कच्छ के छुहारे और गुजराती स्नैक्स का बिज़नेस शुरू किया.

मैंने इससे पहले कभी बिज़नेस नहीं किया था और मुझे नहीं लगा था कि मेरा बिज़नेस इतने दिन चलेगा. मैंने कैरी से शुरुआत की, फिर छुहारे और अब मैं गुजराती नमकीन बेच रहा हूं. नेत्रहीन होने की वजह से मेरे लिए डिलीवरी करना, सामान लाना मुश्किल था पर दृढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत मुझे बिज़नेस में सफ़लता मिली. मेरी पत्नी भी मेरा सपोर्ट करती है. हम दशहरा और दिवाली पर मिठाई का स्टॉल खोलने का सोच रहे हैं. 

-ठक्कर अश्विन

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ठक्कर अपनी पत्नी गीता के साथ घर पर बनी नमकीन और स्नैक्स बेचते हैं और उन पैसों से ही ये परिवार चल रहा है.

ठक्कर की तरह ही बहुत से लोग आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ दिनों पहले एक ऐसे शख़्स की ख़बर आई थी जो लकड़ी की साईकिल बना रहा है. बहुत से लोग मास्क बनाकर बिक्री कर रहे हैं. 
ऐसी कहानियां उम्मीद जगाती हैं.