बिंग बैंग और ब्लैक होल थ्योरी को समझाने वाले महान वैज्ञानिक स्टीफ़न हॉकिंग की आज जयंती है. दुनिया भर को ब्रह्मांड का रहस्य बताने वाले स्टीफ़न हॉकिंग के दिमाग़ की तुलना मशहूर वैज्ञानिक आइंस्टाइन से की जाती है. वो कहते थे कि ‘चाहे ज़िंदगी जितनी भी कठिन लगे, आप हमेशा कुछ न कुछ कर सकते हैं और सफ़ल हो सकते हैं.’
स्टीफ़न हॉकिंग का जीवन उनके इस कथन का जीता जागता सुबूत है. मौत से लड़कर महान वैज्ञानिकों के बीच अपना नाम स्थापित करने वाले स्टीफ़न हॉकिंग्स ने स्वयं ही इसे सार्थक किया था.
दरअसल, जब वो 21 साल के थे तब उन्हें मोटर न्यूरोन नाम की दुर्लभ बीमारी हो गई थी. इस बीमारी के चलते इंसान का शरीर लकवाग्रस्त हो जाता है और कुछ दिनों बाद उसकी मृत्यु हो जाती है. स्टीफ़न विलियम हॉकिंग को भी जब इस बीमारी के बारे में डॉक्टर्स ने बताया था, तब उन्होंने कहा था कि वो ज़्यादा से ज़्यादा 2 साल ही जी पाएंगे.
लेकिन स्टीफ़न हॉकिंग ने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से इस बीमारी को भी हरा दिया. हालांकि, उनका पूरा शरीर लकवाग्रस्त हो गया था, लेकिन वो अभी भी जीवित थे. इसके बाद उन्होंने अपना सारा ध्यान रिसर्च की ओर लगा दिया.स्टीफ़न हॉकिंग ने ब्रह्मांड की गुत्थियों को सुलझाना शुरू कर दिया. वो मानते थे कि ब्लैक होल का साइज़ स्थिर है.
उन्होंने अपनी थ्योरी Hawking Radiation के ज़रिये इसे सिद्ध भी किया. उन्होंने बताया कि ब्लैक होल्स एनर्जी रिलीज़ करते समय सिकुड़ सकते हैं. इस दौरान उनका द्रव्यमान घट जाता है. फिर उन्होंने ‘A Brief History Of Time: From The Big Bang To Black Holes’ नाम की बुक लिखी. इस बुक में उन्होंने अपनी सभी थ्योरीज़ के बारे में विस्तार से बताया था.
1988 में आई ये बुक इतनी फ़ेमस हुई थी कि इसे उस साल की बेस्ट सेलर बुक्स में शामिल किया गया था. इस किताब़ की अब तक करोड़ों प्रतियां बिक चुकी हैं. लगभग 55 साल व्हीलचेयर पर बिताने वाले स्टीफ़न हॉकिंग ने इस पर कई बुक्स लिखी हैं. इनमें ‘The Grand Design’, ‘George And The Blue Moon’, ‘George And The Big Bang’, ‘George And The Secret Key To The Universe’, जैसी किताबों के नाम शामिल हैं.
उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान देने के लिए कई अवॉर्ड भी दिए गए थे. स्टीफ़न हॉकिंग को 1982 में Commander Of The Order Of The British Empire(CBE) से सम्मानित किया गया. उन्हें 1989 में कम्पेनियन ऑफ़ ऑनर बनाया गया, और 2009 में अमेरिकी राष्ट्रपति ने उन्हें प्रेसिडेंट मेडल से सम्मानित किया था.
स्टीफ़न भगवान को नहीं मानते थे, उनका कहना था कि फ़िजिक्स के नियमों पर ही इस दुनिया का निर्माण हुआ है. वर्ष 2014 में उनके ऊपर एक फ़िल्म बनी थी जिसका नाम था ‘द थ्योरी ऑफ़ एवरीथिंग’. इसमें Eddie Redmayne ने हॉकिंग का रोल अदा किया था. इसके लिए Eddie को बेस्ट एक्टर का ऑस्कर अवॉर्ड भी दिया गया था.
14 मार्च, 2018 को वो हमेशा हमेशा के इस दुनिया को छोड़कर चले गए थे. उस वक़्त भी वो ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने में लगे हुए थे.