कुछ कर गुज़रने की उम्र नहीं होती. कुछ लोग छोटी उम्र में मिसाल कायम करते हैं, तो कुछ उम्र का एक पड़ाव पार करने के बाद. फ़र्क़ बस कुछ कर गुज़रने का है. ऐसी ही मिसाल कायब करते हुए 22 वर्षीय की उम्र में सफ़ीन हसन देश के सबसे युवा IPS अधिकारी बन गये थे. वो गुजरात के कणोदरा गांव के निवासी हैं और उन्हें पहली पोस्टिंग जामनगर में मिली थी. 

मुश्किलों को झेल कर हासिल की कामयाबी:

हसन का पालन-पोषण ग़रीब परिवार में हुआ है, उनके माता-पिता एक हीरा श्रमिक के रूप में काम करते थे. हसन की 10वीं की पढ़ाई पूरी होने तक उनके पिता चाय और अंडे का ठेला लगाते थे. वहीं मां घरों में काम करके घर चलाती थीं. कई दफ़ा हसन ने भूखे रहकर भी दिन गुज़ारा, पर फिर भी अपनी पढ़ाई को लेकर कोई ढिलाई नहीं बरती.  

कुछ लोग मसीहा बन कर आये:

ग़रीबी के दिनों में कुछ लोग मसीहा बन कर हसन की ज़िंदगी में आये. कुछ शिक्षकों ने हसन की फ़ीस माफ़ करा दी. वहीं एक शख़्स ने दिल्ली में उनके रहन-सहन का पूरा खर्च वहन किया.  

2017 में हसन ने यूपीएससी में 570वीं रैंक हासिल की थी. इसके बाद ट्रेनिंग के लिये वो हैदराबाद चले गये, जिसके बाद उन्हें जामनगर में पहली पोस्टिंग मिली. जामनगर में उनकी एएसपी के तौर पर नियुक्ति हुई थी. हसन कहते हैं कि एग्ज़ाम से पहले उनका एक्सीडेंट हो गया था, पर उन्होंने फिर भी एग्ज़ाम दिया. एग्ज़ाम देने के बाद उन्हें फिर से लंबे समय के लिये अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. 

हसन ने बताया कि एक बार वो मौसी के साथ एक स्कूल समारोह में गये थे. वहां कलक्टर का काफी़ सम्मान हो रहा था. बस यहीं से उन्होंने आईपीएस बनने की प्रेरणा मिली. वो कहते हैं कि स्मर्ट वर्क और कॉन्फ़िडेंस के ज़रिये हम कामयाबी हासिल कर सकते हैं. फिलहाल हसन 24 साल के हो चुके हैं और उनके इंस्टाग्राम पर डेढ़ लाख से अधिक फ़ॉलोअर्स हैं. 

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