ज़रूरी नहीं होता कि हम जानवर को पाले तभी उनका ख़्याल रखें. आस पास के बेसहारा जानवरों की देखभाल करके भी उनका ख़्याल रखा जा सकता है उनसे प्यार किया जा सकता है. जैसा हैदराबाद की ये डॉग लवर्स टीम कर रही है.
ANI से बात करते हुए शशि गौड़ ने कहा,
उस्मानिया विश्वविद्यालय परिसर और आसपास के इलाकों के स्ट्रे डॉग्स टिफ़िन सेंटर और कैंटीन से बचा हुआ खाना खाते हैं.
आगे कहा,
जबसे लॉकडाउन शुरू हुआ तबसे OU कैंपस में कैंटीन बंद हो गई है. इसके चलते यहां के स्ट्रे डॉग्स को खाना मिलना बंद हो गया है. इसी वजह से हम यहां के स्ट्रे डॉग्स को खाना खिला रहे हैं. इस कैंपस में लगभग 200 कुत्ते हैं. हमारी टीम इनके लिए खाना इकट्ठा करने के लिए आस-पास की जगहों में जाती है. हम रोज़ाना इन कुत्तों को चिकन चावल और दही चावल खिलाते हैं.
इस टीम के एक अन्य सदस्य तारनाका राजू ने ANI से कहा,
हमारी टीम रोज़ लगभग 300 कुत्तों को खाना खिलाती है क्योंकि कैम्पस में कैंटीन बंद हैं.
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