हमें अपनी ज़िन्दगी सबसे बेकार, सबसे मुश्किलों भरी लगती है. हममें से ज़्यादातर लोग एक दूसरे को ज़िन्दगी को ख़ूबसूरत तोहफ़े की तरह देखने का ज्ञान तो देते हैं, ख़ुद वो नहीं करते.


दुनिया में एक तरफ़ जहां छोटी-छोटी परेशानियों को बहुत बड़ा बनाने वाले लोग हैं वहीं दूसरी तरफ़ बड़ी से बड़ी परेशानियों को हराकर आगे बढ़ने वाले लोग भी हैं. ऐसी ही है Noor Jaleela.  

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दिव्यांग हैं नूर 

नूर के जन्म से ही हाथ-पैर नहीं हैं. बचपन में कई बार उनके दिमाग़ में ये प्रश्न आता कि वो दूसरों से इतनी अलग क्यों हैं? नूर अपने घरवालों से पूछती कि दूसरों की तरह उसक हाथ-पैर क्यों नहीं है? घरवाले उससे ये कहते कि समय के साथ हाथ-पैर आ जाएंगे और नूर इसी को सच मान लेती.


वक़्त बीतता गया और नूर को भी ये समझ आ गया कि उसके हाथ-पैर वक़्त के साथ नहीं आएंगे. इस बात से नूर हताश नहीं हुई.  

काफ़ी टैलेंटेड है नूर 

केरल को कोज़ीकोड की नूर के कोहनी तक ही हाथ हैं और घुटने तक ही पैर हैं. इसके बावजूद नूर काफ़ी टैलेंटेड है. वो गाती है, वायलिन बजाती है और पेंटिंग भी करती है. नूर Dream of Us NGO के साथ मिलकर मानसिक तौर पर अस्वस्थ और दिव्यांग बच्चों के लिए काम करती हैं.  

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New Indian Express से हुए एक बात-चीत में नूर ने कहा, 

मैं हमेशा नई चीज़ें सीखना चाहती थी. मैं अपनी विकलांगता को आशीर्वाद के रूप में देखती हूं. मैं एक सिविल सर्विस अफ़सर बनना चाहती हूं. मैं दिव्यांगों के हक़ में आवाज़ उठाना चाहती हूं. मैं अपना घर बनाना चाहती हूं. मेरे बकेट लिस्ट में नासा जाना और एवरेस्ट की चढ़ाई करना भी है. 

-नूर

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पेंटिंग कैसे शुरू किया इस पर नूर ने बताया, 

मैंने बचपन से ही पेंसिल से घिसना शुरू कर दिया था. बिना हाथों के ब्रश कैसे पकड़ना है ये मैंने ख़ुद से ही सीखा. मेरे पापा ने कक्षा 5वीं में मुझे पेंटिंग क्लास भेजा. वैसे तो मैं वहां थोड़े ही दिनों के लिए गई पर मैंने अलग-अलग पेंटिंग की तक़नीक सीख ली. 

-नूर

New Indian Express

नूर ने पेंटिंग की तरह ही वायलिन पकड़ना भी ख़ुद से ही सीखा. 

मैंने कक्षा 7वीं में वायलिन बजाना शुरू किया. शुरुआत आसान नहीं थी. मैंने उसे नीचे की तरफ़ पकड़कर Cello की तरह बजाया. काफ़ी मेहनत के बाद अब मैं अच्छे से वायलिन बजा लेती हूं. 

-नूर

अपनी हर जीत का श्रेय नूर अपने परिवार को देती हैं. नूर बताती हैं कि उसके पैदा होने के बाद, डॉक्टर्स उसके माता-पिता को उसकी हालत के बारे में बताने में हिचकिचा रहे थे.  

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मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरा Support किया. मेरे छोटे से कदम भी उन्हें बहुत ख़ुशी देते. वे हमेशा मुझे मुश्किलों का सामना करने की हिम्मत देते. मैं आज जो भी हूं उन्हीं की वजह से हूं. 

-नूर

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नूर ने मशहूर गायिका के.एस.चित्रा के साथ गाना भी गाया है.


नूर की ज़िन्दगी हम सभी के लिए मिसाल है. बड़ी से बड़ी मुसीबतें आए, हमें उनमें भी अवसर ढूंढना चाहिए.   

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