Teacher’s Day: हर साल 5 सितंबर को हमारे देश में शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इसे देश के दूसरे राष्ट्रपति और दार्शनिक-लेखक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) की याद में मनाया जाता है. इनका जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था. शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान अतुलनीय है. शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा 1962 में शुरू हुई थी. इसका मकसद देश के भविष्य के निर्माण में लगे सभी शिक्षकों को सम्मानित करना है.
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हर साल Teacher’s Day पर ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’ भी दिए जाते हैं, ये पुरस्कार क्यों और किसे दिए जाते हैं, चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं.
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों का उद्देश्य
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मानव संसाधन विकास मंत्रालय हर साल राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों (National Teacher Awards) के लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन करता है. इसके लिए शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है. इसका उद्देश्य देश में मौजूद प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में काम कर रहे बेहतरीन शिक्षकों के अनूठे योगदान का उत्सव मनाना और उन्हें सम्मानित करना है. जिनके कारण न सिर्फ़ शिक्षा बल्कि विद्यार्थियों का जीवन भी समृद्ध होता है.
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किसे दिया जाता है राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (Eligibility for the National Teacher Award)
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1. निम्नलिखित श्रेणियों के तहत मान्यता प्राप्त प्राथमिक / माध्यमिक / उच्च माध्यमिक विद्यालयों में काम कर रहे स्कूलों के शिक्षक और स्कूलों के प्रमुख:
a. राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रशासन द्वारा चलाए जाने वाले स्कूल, स्थानीय निकायों के स्कूल, राज्य सरकार तथा केन्द्र शासित प्रशासन के सहायता प्राप्त स्कूल.
b. केन्द्र सरकार के स्कूलों यानी केंद्रीय विद्यालय (KV), जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV), तिब्बती लोगों के केंद्रीय विद्यालय, रक्षा मंत्रालय के सैनिक स्कूल, परमाणु ऊर्जा शिक्षा सोसायटी (AEES) के स्कूल.
c. केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से संबद्ध स्कूल उपरोक्त (a) तथा (b) के अतिरिक्त.
d. काउंसिल फ़ॉर इंडियन स्कूल्स सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन (CISCE) से संबद्ध स्कूल.
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2. सामान्य रूप से सेवानिवृत्त शिक्षक पुरस्कार के पात्र नहीं होते, लेकिन कैलेंडर वर्ष (कम से कम 6 महीनों के लिए मतलब उसी वर्ष के 30 अप्रैल तक) के हिस्से में सेवा देने वाले शिक्षक की पात्रता पर विचार किया जाता है. अगर ऐसे शिक्षक अन्य शर्तें पूरी करते हों तो.
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3. शैक्षिक प्रशासक, शिक्षा निरीक्षक तथा प्रशिक्षण संस्थान के कर्मी इन पुरस्कारों के पात्र नहीं होते.
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4. शिक्षक/हेडमास्टर जो ट्यूशन क्लास चलाते हैं वो भी इसके लिए चयनित नहीं होते.
5. केवल नियमित शिक्षक और स्कूल के प्रमुख पात्र होते हैं.
6. संविदा शिक्षक और शिक्षा मित्र इस पुरस्कार के पात्र नहीं होते.
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इसके बाद शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन करना होता है. इसमें अपना पूरा प्रोफ़ाइल और उनके द्वारा किए गए कार्यों के सुबूत जैसे ऑडियो/वीडियो, रिपोर्ट, फ़ोटो, डॉक्यूमेंट संलग्न करना होता है.
ऐसे होता है चयन
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राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए टीचर्स का चयन जूरी मेंबर्स करते हैं. राज्य चयन समिति/संगठन चयन समिति के सदस्य उम्मीदवारों को शॉर्ट लिस्ट कर उन्हें राष्ट्रीय सेलेक्शन समिति के पास भेजते हैं. इन्हें एक बार फिर से राष्ट्रीय जूरी के सामने अपना प्रेजेंटेशन देना होता है. इनका भी मूल्यांकन होता है और इन्हें 100 में से अंक दिए जाते हैं.
National Teacher Awards
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इसके बाद राष्ट्रीय सिलेक्शन समिति सभी मानदंडों पर खरे उतरने वाले शिक्षकों को चुन उनके नाम जारी करती है. नाम जारी होने के बाद शिक्षकों को 4-5 सितंबर को राष्ट्रपति भवन बुलाया जाता है. यहां स्वयं राष्ट्रपति उन्हें अपने हाथों से ये पुरस्कार देते हैं.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय रखता है नज़र
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इस पूरी प्रक्रिया पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय नज़र रखता है. ये प्रक्रिया आराम से हो और इसमें किसी भी प्रकार की बाधा ना आए इसका भी ख़्याल रखता है.