अभी कुछ दिन पहले ही मैं सिक्किम से वापस आई हूं. वहां के लोग, जगह, पहाड़ और बर्फ़ ये सब तो मेरे दिल में बसी ही हैं. ये सब मुझे अच्छे लगे ही थे. इनके अलावा एक और चीज़ थी जिसने मेरा ध्यान खींचा.

वो थे, सिक्किम की ट्रिप के दौरान वहां की सड़कों के किनारे बड़ी तादात में लगे झंडे. इन्होंने मेरे अंदर कई सवाल जगाए. क्योंकि वो दो रंग के झंडे थे. इनमें एक सफ़ेद रंग था तो दूसरे रंग-बिरंगे, जो रंग-बिरंगे थे उनमें कुछ लिखा था. काफ़ी देर तक ख़ुद को रोककर रखा और कुछ नहीं पूछा, लेकिन जब नहीं रहा गया तो मैंने अपने ड्राइवर से पूछ ही लिया. हर जगह ये झंडे क्यों लगे हैं?

ड्राइवर ने तुरंत जवाब दिया कि ये सफ़ेद रंग के झंडे मरे हुए लोगों की आत्मा की शांति के लिए लगाए जाते हैं. इसके अलावा रंग-बिरंगे झंडे पूजा का प्रतीक हैं ताकि लोगों को एक पॉज़ीटिव एनर्जी मिलती रहे. इसे बौद्ध धर्म के लोग लगाते हैं.

उसने ये भी बताया कि किसी एक व्यक्ति के मरने पर 108 झंडे लगाए जाते हैं. हवा में लहराते हुए झंडे उनकी आत्मा की शांति को दर्शाते हैं.

एक बात तो कहनी पड़ेगी सिक्किम जितना शांत और साफ़ है. उसमें उतने ही तथ्य जुड़े हैं. वहां के लोग एक-दूसरे से प्यार से बात करते हैं. मुझे गंगटोक में एमजी रोड मार्केट में भी अकेले चलते हुए भी काफ़ी सुरक्षित महसूस हुआ. 

yatrablog

Life से जुड़े आर्टिकल ScoopwhoopHindi पर पढ़ें.