शिवसेना नेता संजय राउत के एक बयान ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है. संजय राउत के ताज़ा बयान के मुताबिक़, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी माफ़िया डॉन करीम लाला से मिलने के लिये मुंबई जाया करती थीं. उम्मीद के अनुसार, राउत के विवादी बयान का कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया. बयान के बाद मचे सियासी घमासान को देखते हुए, शिवसेना नेता ने अपना बयान वापस ले लिया है. संजय राउत ने बयान वापस लेते हुए कहा कि अगर मेरी टिप्पणी से इंदिरा गांधी की छवि या कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं अपना बयान वापस लेता हूं.
कौन है करीम लाला?
करीम लाला का असली नाम अब्दुल करीम शेर ख़ान था, जिसका जन्म अफ़गानिस्तान में हुआ था. 21 साल की उम्र में वो काम की तलाश में मुंबई आया. एक समय में मुंबई बंदरगाह पर बतौर मज़दूर काम करता था. पर उसे ये काम पसंद नहीं आया और थोड़े समय में ही वो पठानों के गैंग में शामिल हो गया. इस दौरान वो व्यापारियों के लिये देनदारों से पैसे वसूलने का काम करता था. पठान गैंग में शामिल होने के बाद जल्द ही उसे गैंग के सरगना की उपाधि दे दी गई. इसके साथ ही वो मुंबई के दो बड़े डॉन वरदराजन मुदलियार और मस्तान मिर्ज़ा के साथ मिल कर ग़ैरक़ानूनी धंधे भी करता था. हांलाकि, इतने बुरे कामों के साथ ही वो ग़रीबों की मदद भी करता था.
मुंबई के डोंगरी, भिंडी बाज़ार, नागपाड़ा और मोहम्मद अली रोड जैसे मुस्लिम क्षेत्रों में करीम लाला का राज़ चलता था. ये भी कहा जाता है कि करीम लाला की जान-पहचान बॉलीवुड स्टार्स से भी थी. कई बॉलीवुड स्टार्स उसकी पार्टी और ईद की दावतों पर आया करते थे.
लगता था दरबार
करीम लाला एक सप्ताहिक दरबार भी लगाता था. इस दरबार में आम जनता उससे अपनी दिक्कतें शेयर करती थी. करीम लाला दरबार में आये लोगों की हर संभव मदद करता था.
कब हुई मौत?
दंबगई से अपनी ज़िंदगी जीने वाले करीम लाला ने 90 साल की उम्र में 19 फरवरी, 2002 में दुनिया को अलविदा कह दिया.