शायद ही ऐसा कोई इंसान होगा, जो सपने न देखता हो. लेकिन जो लोग सपने देखते हैं, वे हमेशा इस बात से परेशान रहते हैं कि उन्होंने जो देखा वो उन्हें याद क्यों नहीं रहता. हालांकि, बहुत से लोगों को कुछ सपने याद भी रहते हैं, तो वहीं कुछ सपने वे भूल भी जाते हैं. दरअसल, सपनों की दुनिया हमारे दिमाग की उपज होती है. हम दिन भर जो काम करते हैं, जो बातें करते हैं, वो सब हमारे दिमाग कि किसी अलमारी में जमा होती रहती हैं. फिर जब हम सो जाते हैं, तब हमारा दिमाग उन बातों की जांच-पड़ताल करता है. हमारे अवचेतन मन और दिमाग़ के बीच बात-मुलाक़ात होती है.
ऐसा कहा जाता है कि हम अपने जीवन का तिहाई हिस्सा सोने में बिताते हैं और कम से कम 25 फीसदी समय सपने देखने में खर्च करते हैं. लेकिन फिर भी हमें सारे सपने याद नहीं रहते हैं, जो हम हर रात देखा करते हैं. कुछ सपने हमें याद रहते हैं, तो बहुत से ऐसे सपने भी होते हैं, जो हम देखते ज़रूर हैं, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद भी वह हमें याद नहीं रह पातें.
अधिकतर सपने रैपिड आई मूवमेंट (REM) यानी कि आंखों की तीव्र गतिशीलता के दौरान देखे जाते हैं, जिसमें हमारा दिमाग पूरी तरह शांत रहता है. आंखें चारों तरफ घूमती रहती हैं और पूरा शरीर स्थिर (Paralyzed) रहता है. इस REM की अवस्था में दिमाग सपने देखने के दौरान जागने से भी ज़्यादा सक्रिय रहता है. REM अवस्था में देखे गये सपने को याद करने में लोग सक्षम होते हैं. हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स से पता चलता है कि जो सपने Non-REM अवस्था में देखे जाते हैं, उन्हें भी याद किया जा सकता है.
बतौर मनुष्य आसानी से मिली जानकारी की तरफ हमारा ध्यान आकर्षित नहीं होता है और न ही यह हमारे दिमाग में स्टोर हो पाता है. हालांकि, शोधकर्ताओं का मानना है कि जिन लोगों को सपने याद रहते हैं और जिन्हें सपने याद नहीं रहते हैं, उन दोनों के बीच में Neurological (तंत्रिका संबंधी) अंतर होता है.
जानकारों के मुताबिक, अगर आपको सपने याद हैं, तो हो सकता है कि सपने देखने के दौरान आप आसानी से जगे हों, इसलिए आपके दिमाग में वह सपना ताज़ा है.
Sleep-Wake Disorders Center at Montefiore Medical Center में Behavioral Sleep Medicine Program के डॉयरेक्टर PsyD. Shelby Harris का कहना है कि सपने सभी देखते हैं, लेकिन सभी याद नहीं रख पाते हैं.
अगर कोई सपने याद कर लेता है या फिर किसी को सपने याद ही नहीं आते, तो यह उस व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, स्वास्थ्य समस्या आपके सपने देखने और उसे याद करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है.
Harris के मुताबिक, लोगों को सपने अधिकतकर तभी याद आते हैं, जब वे चिंता में होते हैं या फिर उदास होते हैं.
2011 में Journal of Adolescent Health में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, सपने को याद करने की प्रक्रिया को जेंडर भी प्रभावित करता है. शोध के मुताबिक, किशोर लड़कियां सपने को याद करने के मामले में किशोर लड़कों से बेहतर होती हैं.
Lauri Loewenberg के मुताबिक, ऐसा नहीं है कि सपने को याद नहीं रखा जा सकता है. अगर आप अपने सपने को रिकॉल करना चाहते हैं, तो सबसे बेहतर समय होता है, जगने के तुरंत बाद 90 सेकंड तक ध्यान में रहना और सपने को याद करना. आप जगने के बाद अपने बेड पर ही ध्यान लगाकर अपने सपनों को रिकॉल कर सकते हैं.
कभी-कभी ऐसा होता है कि आपको सपने याद तो रहते हैं, लेकिन आप जल्द ही उसे भूल जाते हैं. तो इस स्थिति में आप अपने सपने को लिख कर रख सकते हैं या फिर अपने पार्टनर को सुना सकते हैं, ताकि उस सपने की यादों का साक्ष्य आपके पास बना रहे.