इस दुनिया में ऐसा कोई नहीं है, जो किसी परेशानी से जूझ न रहा हो या फिर वो किसी कारण से दुखी न हो. लेकिन इन सभी परेशानियों के बीच कोई ऐसा भी है, जो कभी भी दुखी नहीं होता है. नया साल आते ही सभी पुरानी बातों, दुखों और यादों को भूल नई खुशियां तलाशने की जुगत में हैं. दोस्तों, एक शख़्स ऐसा भी है, जिसे दुख छू भी नहीं पाता. वो इस धरती का इकलौता सबसे खुशहाल इंसान है. आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि ये इंसान आखिरी बार साल 1991 में दुखी हुआ था. इस बात पर आपको क्या, खुद अमेरिकी Wisconsin यूनिवर्सटी को भी विश्वास नहीं हो रहा था.

दरअसल, यूनिवर्सिटी के न्यूरोसाइंटिस्ट ने सबसे खुशहाल इंसान Matthieu Ricard के दिमाग में 12 साल तक पूरे 256 सेंसर लगाकर शोध किया. इन सबके बाद खुद यूनाइटेड नेशन ने अपनी ‘हैप्पीनेस रिपोर्ट 2016’ में 69 साल के तिब्बती बौद्ध संत Matthieu Ricard को इस दुनिया का सबसे खुशहाल इंसान माना है.

Matthieu का जन्म फ्रांस में हुआ है. इनके पिता एक प्रसिद्ध दार्शनिक थे और माता एक चित्रकार. इन्होंने बौद्ध गुरु3 दलाई लामा के फ्रेंच दुभाषिये के रूप में भी सेवा दी है. इनकी ज़िंदगी भी कुछ अजीब है. Molecular Genetics में पीएचडी कर रहे Matthieu को पता नहीं अचानक क्या हो गया कि उन्होंने साधू-संत बनने के लिए पीएचडी छोड़ दिया और हिमालय की तरफ रूख कर लिया.

इनके मुताबिक, इस धरती का सभी स्त्री-पुरूष खुश रह सकता है और सबसे खुशहाल इंसान बन सकता है. बशर्ते सही जगह पर सही निर्णय लेने होंगे. Matthieu ने 45 सालों में खुद पर अलग-अलग रिसर्च कर खुश रहने के साइंटिफिक से लेकर अलग-अलग तरह का तरीका डेवलप कर लिया है. तो चलिए जानते हैं खुश रहने के पांच सबसे अहम टिप्स, दुनिया के सबसे खुशहाल इंसान की जुबानी.

1. सिर्फ़ अपने बारे में सोचना बंद करो

हर घड़ी अपने बारे में सोचना और अपने आपको हमेशा बेहतर बनाने के लिए सोचना आपके लिए तनावपूर्ण, थकाऊ और बोझिल हो सकता है और यही जाकर आपके दुखों का कारण भी बनता है. इसलिए हमेशा खुद के बारे में मत सोचो. अगर आपका मन परोपकार, जुनून और एकजुटता से भरा हुआ है, तो इसे स्वस्थ मानसिक अवस्था माना जाता है. अगर आप दूसरों के बारे में भी सोचते रहते हैं, तो इससे आप ज़्यादा सुखी महसूस करेंगे. अगर आप भलाई और परोपकार की बातें करते हैं, तो लोग भी आपकी तारीफ़ करेंगे, जिससे आपको अत्यंत खुशी की अनुभूति होगी.

2. हर घंटे में 10 सेकंड के लिए व्यायाम करें

सुबह उठने से सोने तक हर घंटे किसी भी समय खड़े होकर पहले हाथ ऊपर करें.10 सैकंड के लिए बॉडी को स्ट्रेच करते हुए अपने किसी सोशल अचीवमेंट के बारे में सोचें. हाथ को ऊपर रख बॉडी को स्ट्रेच करने से हमारी मांसपेशियां रिलैक्स मोड में चली जाती हैं. दिमाग इसे रीड करके फीलिंग्स से जुड़े केमिकल्स को नॉर्मल कंडीशन में ले आता है. ऐसे में सोशल अचीवमेंट के बारे में सोचने पर खुशी-प्राइड केमिकल्स एक्टिव हो जाते हैं.

3. अपने सबसे चहेते लोगों की मुस्कुराती तस्वीर लगाएं और देखें

खुश रहने के लिए खुश रहने वालों या फिर उनकी मुस्कुराती तस्वीर को देखना ज़रूरी होता है. वर्किंग प्लेस या घर में अपने सबसे चहेते की मुस्कुराती तस्वीर ज़रूर लगाएं. जब आप टेंशन या एनर्जी लेवल लो फील करें, तो उन तस्वीरों को 1 मिनट तक लगातार देखें और उस दौरान सबकुछ भूल जाएं. अपने आप को सिर्फ़ तस्वीर पर ही फोकस रखें. लगातार 1 मिनट तक देखने पर दिमाग फ्लैश बैक में चला जाता है. रिसर्च के मुताबिक, इससे दिमाग में उस चहेते से जुड़ी पॉजिटिव यादें रिकॉल होती हैं. 1 मिनट तक देखने से ये यादें स्ट्रेस रिलीज़ करके खुशी केमिकल को ब्रेन में फैला देता है.

4. चॉकलेट और अखरोट खाएं

दुखी होने, डिप्रेशन फील होने या मन मुताबिक परिणाम न मिलने पर चॉकलेट या अखरोट खाएं. इनमें Polyphenols केमिकल होता है, जो बॉडी में जाकर दिमाग के हैप्पीनेस पार्ट को एक्टिव करने का काम करते हैं. डार्क चॉकलेट खाने पर इसका असर और बढ़ जाता है. डार्क चॉकलेट में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर की रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाता है और रक्तचाप और रक्त संचार को व्यवस्थित रखता है.

5. खुलकर हंसें

इंसान को हर घंटे खुलकर हंसना चाहिए. आप जब नर्वस फील करें और हंसी न भी आए तो मुंह खोलकर हंसे. जब मुंह खोलते हैं, तो दिमाग के आगे की तरफ वाली हैप्पीनेस नसों पर जोर पड़ता है. इससे इनमें खिंचाव आता है और एक्चुअल साइज़ से ज़्यादा फैल कर केमिकल्स स्प्रेड करती हैं. जो कुछ देर के लिए हैप्पीनेस लेवल बढ़ाता है. सुबह उठते ही पीले रंग की किसी आकृति को 1 से 2 मिनट तक आंखें बड़ी करके लगातार देखें. फिर आंख को 30 सैकेंड बंद करके दोबारा खोलें. आपको खुशी का अनुभव होगा. संभव हो तो ऐसा सुबह के उगते सूरज की तरफ देखकर करें.