महाराष्ट्र् में गणेश चतुर्थी का उत्सव बहुत भव्य तरीक़े से मनाया जाता है, लेकिन इस बार कोरोन वायरस महामारी के चलते वो रौनक फीकी पड़ गई है. बड़े-बड़े पंडल, भव्य मूर्तियां, नाच-गाना और लोगों की भीड़ इस बार ये कमियां रहीं. मगर गणपति बप्पा को दर्शन देने हैं तो वो देंगे ही बस श्रद्धा होनी चाहिए.
ऐसा ही किया महाराष्ट्र के सोलापुर के बाले गांव के कुछ नौजवानों ने. इन्होंने मिलकर 200 फ़ीट लंबाई और 100 फ़ीट चौड़ाई की गणपति जी की इको-फ़्रेंडली मूर्ति बना दी, जो सोशल मीडिया पर ख़ूब पसंद की जा रही है. इस मूर्ति को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सहित कई अभिनेताओं और नेताओं ने वीडियो को रीट्वीट कर सराहा है.
The youth of Bala village in Sholapur, started carving the image of Ganpati Bappa in a half acre farm a month ago. Now it is complete after their hard work. #GanpatiBappaMorya pic.twitter.com/6PgM4o7ODN
— Harshal Purohit (@iPurohitHarshal) August 21, 2020
The Indianexpress से बात करते हुए, मूर्ती बनाने वाले प्रतीक तांडले ने कहा, ये सब मौजूदा हालात को देखते हुए किया है क्योंकि हम मूर्ति के ज़रिए ख़ुशी फैलाना चाहते हैं.
मूर्ति बनाने वाले दूसरे कलाकार ने फ़ोन पर बताया,
कोरोना वायरस के कारण इस साल गणेश चतुर्थी पहले जैसी नहीं मनाई जा रही है क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना था. इसलिए, मैंने सोचा कि क्यों न कुछ ऐसा बनाया जाए जिसे दूर से देखा जा सके और भीड़ भी न इकट्ठा हो. इसलिए टांडले और हम सबने मिलकर क़रीब 45 दिन में इस मूर्ति को बनाया.
इन्होंने आगे कहा,
इस मूर्ति को बनाना कोई आसान काम नहीं था. इसे बनाने में हम दो बार फ़ेल हुए फिर तीसरी बार में हमारी कोशिश रंग लाई. पहले दो बार लगातार बारिश के कारण मूर्ति ख़राब हो गई. सबसे पहले हमने चूने के पाउडर और लाल रेत से मूर्ति बनाने की कोशिश की, लेकिन बारिश ने इसे धो दिया. फिर हमने इसे बनाने के लिए दोनों फसलों को मिलाया और इस पर काम किया.
मूर्ति में हरे रंग के लिए घास, जई और गेहूं के पौधों का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा सफ़ेद रंग के लिए चूने का पाउडर, जबकि भूरे रंग के लिए मोटी लाल रेत का इस्तेमाल किया गया है. इसको बनाने में क़रीब 25,000 रुपये लगे हैं, जो इन सभी ने अपनी जेब से दिए हैं. आप इन सभी कलाकारों को वीडियो में देख सकते हैं.
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कलाकारों की सराहना की और कहा कि ये मूर्ति मंत्रमुग्ध कर देने वाली है.
Beautifully crafted 🙏
— Vinay Kashyap (@Vinay_Kashyap84) August 21, 2020
Next we should find eco friendly Ganapathy Immersions. Make idols of sand and not use any paint on it. it will dissolve in water just like we want to dissolve in His Blessings
— Sreelakshmy R Menon (@LAKSHMY_03) August 21, 2020
Really appreciable work 👏👏❤️🙏.. praiseworthy 👏👏🙏..
— shuvasmita swain (@SwainShuvasmita) August 21, 2020
Ganapati Bappa Morya 🙏
Appreciated Boys .. 👌🏻👍🏻
— Nandy (@NandishBalicha1) August 21, 2020
Really appreciable work 👏👏❤️🙏.. praiseworthy 👏👏🙏..
— shuvasmita swain (@SwainShuvasmita) August 21, 2020
Ganapati Bappa Morya 🙏
How wonderful….🙏🙏 Lovely idea… Ganapati represents the vibrant Nature and so the festival comes in the rainy season. We worship him with 21 varieties of leaves…all having a medicinal value….A beautiful way to celebrate the festival….🙏🙏
— Vasumati Devi Sarma (@DeviVasumati) August 20, 2020
— Anandkumar mahendran (@anandkarthick27) August 21, 2020
Bappa Morya 🙏🙏
— Vivek Telang (@VivekTelang3) August 21, 2020
Kudos to the Bale Boyz 👍❤️ https://t.co/P6b9u84mEH
Astoundingly Beautiful…. 🙏🙏🙏for their hardwork .. Ganapathi Bappa moriya .🐘…🐀 https://t.co/8VnLtPrkVB
— MyeSat (@mye_sat) August 20, 2020
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