आसमान के नीचे लेटे हुए तारों को देखते हुए मन में कितने ही सवाल आते थे, ये कैसे चमकते हैं? ये कैसे आसमान में दिखते हैं? चंद्रमा क्या है? सूरज में तेज़ कैसे है? वगैराह-वगैराह. ब्रह्मांड के इन रहस्यों से हमारा नाता बहुत पुराना है क्योंकि ब्रह्मांड अपने अंदर न जाने अनगिनत रहस्यों को छुपाए है, जिन्हें आजतक साइंस भी सुलझा नहीं पाया है. इन्हीं में से इन 5 रहस्यों को जानते हैं, जो हमारी जिज्ञासा का केंद्र रहे हैं:
1. ब्रह्मांड की शुरुआत कैसे हुई?
ब्रह्मांड की शुरुआत की बात की जाए तो बेल्जियम के खगोलविद जॉर्ज हेनरी लेमैत्रे की बिग-बैंग थ्योरी सबसे पहले आती है. इस थ्योरी के अनुसार, क़रीब 14.5 अरब वर्ष पहले ब्रह्मांड की सारी ऊर्जा, भौतिक पदार्थ और अस्तित्व एक बिंदु में कैद थे. अचानक एक भयानक विस्फ़ोट हुआ और समय, स्पेस और मैटर अस्तित्व में आए. यहीं से ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई, तब से ब्रह्मांड निरंतर फैलता जा रहा है.
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2. हमारा ये ब्रह्मांड कितना विशाल और फैला है?
ब्रह्मांड कई गुना ज़्यादा विशाल है या कहें कि अंतहीन है. मगर अब तक कि ज्ञात जानकारी के अनुसार हम ब्रह्मांड में 150 बिलियन्स आकाशगंगाओं का पता लगा चुके हैं. Oxford University की एक रिसर्चर टीम ने अपने शोध में पाया कि अब तक जितनी आकाशगंगाओं का पता चला है उनकी संख्या 250 गुना से भी ज़्यादा हो सकती है. ये संख्या इतनी बड़ी है कि अगर इसे किसी इंटरनेट ब्राउज़र पर सर्च किया जाए तो वो ब्राउज़र को क्रैश कर सकती है. इस जानकारी के बारे में कई महान वैज्ञानिकों का कहना है कि ये जानकारी सिर्फ़ एक मटर के दाने के समान है ब्राह्मांड इससे भी ज़्यादा बड़ा, विशाल और अंतहीन है.
3. डार्क मैटर और डार्क एनर्जी का रहस्य
डार्क मैटर और डार्क एनर्जी से अंतरिक्ष का 95 फ़ीसदी हिस्सा बना है और बचा हुआ 5 प्रतिशत हिस्सा भौतिक पदार्थों से. इनमें ग्रह, नक्षत्र, तारे शामिल हैं, जो हमें दिखाई देते हैं. वैज्ञानिकों का मत है कि इसी से ब्रह्मांड का अस्तित्व बना है. डार्क मैटर ऐसे पदार्थों से मिल कर बने हैं जो लाइट को ऑब्ज़र्व और रिफ़्लेक्ट नहीं करते. इस कारण अब तक के साधनों के बल पर इसे देख पाना संभव नहीं है. यही कारण है कि वैज्ञानिकों के पास इन पदार्थों की कोई जानकारी अब तक नहीं है. न ही इन्हें समझ पाने का कोई ठोस आधार मिला है. भले ही इनकी कोई पुख़्ता जानकारी नहीं है लेकिन इन पदार्थों का अस्तित्व है, ऐसा वैज्ञानिक मानते हैं.
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4. ब्लैक होल
ब्लैक होल की खोज Karl Schwarzschild और John Archibald Wheeler ने की थी. ये ब्रह्मांड के सबसे सघन ऑब्जेक्ट में से एक है जिसका गुरुत्वाकर्षण इतना ज़्यादा है कि इससे लाइट भी बच कर नहीं निकल सकती. विशाल तारों के अंदर होने वाले महाविस्फोट (सुपरनोवा) के कारण ही Black Hole का निर्माण होता है. विज्ञान के विस्तार के चलते ब्लैक होल के कई रहस्यों से पर्दा उठा है, लेकिन आज भी कई रहस्य, रहस्य ही बने हुए हैं. इनमें से एक है कि ब्लैक होल के अंदर क्या है?
5. मंगल ग्रह का रहस्य क्या है?
एक समय पृथ्वी की तरह ही मंगल ग्रह पर बड़े-बड़े समुद्र और जल धाराएं थी, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि करोड़ों साल पहले हुए गुरुत्वाकर्षण के कारण इसकी मैग्नेटिक फ़ील्ड कमज़ोर हो गई होगी. इस वजह से मंगल ग्रह की सतह का सारा पानी भाप बन कर उड़ गया होगा या फिर सतह के भीतर ही ठंडा होकर जम गया होगा. यहां तक कि सूर्य की हानिकारक किरणों का प्रभाव सीधे सतह पर पड़ने की वजह से अगर कोई प्रजाति मंगल ग्रह पर रही होगी तो जल की कमी और सूर्य की हानिकारक किरणों की वजह से ख़त्म हो गई होगी. नासा के ऑर्बिटर्स ने मंगल की सतह से जो जानकारी भेजी है. उससे इस बहस ने जन्म लिया कि करोड़ों साल पहले मंगल ग्रह पर भी पृथ्वी की तरह ही जीवन था, लेकिन ये हक़ीक़त है या कल्पना ये एक रहस्य का विषय है.
ब्रह्मांड के ये रहस्य अभी तक रहस्य ही बने हुए हैं.