भारत में राष्ट्रपति को देश का प्रथम नागरिक माना जाता है. वहीं प्रधानमंत्री सरकार का मुखिया होता है. भारतीय संविधान के अनुसार देखा जाये, तो देश चलाने की असली पावर प्रधानमंत्री के पास ही होती है. लेकिन राष्ट्रहित के अधिकतर मुद्दों पर राष्ट्रपति की सहमति भी ज़रूरी होती है. राष्ट्रपति तीनों सेनाओं (जल, थल और वायु) का प्रमुख भी होता है. अपातकालीन स्थिति में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति की सलाह से ही ज़रूरी और अहम निर्णय लेता है.
मंत्रीमंडल में हेरफ़ेर, सत्ता पलट, युद्ध-शांति और आपातकालीन स्थिति में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के निर्णय महत्वपूर्ण होते हैं. हांलाकि, हम में से कई लोगों को लगता है कि बड़े पद पर बैठने वाले लोग सिर्फ़ ऑर्डर देते हैं और आराम करते हैं, लेकिन सच्चाई इसके विपरीत है. इन दोनों ही पदों पर बैठे लोगों के पास देश चलाने की बड़ी और अहम ज़िम्मेदारी होती है. इसलिये वो एक आम इंसान की तरह छुट्टियां लेकर आराम से नहीं बैठ सकते हैं.
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आइये जानते हैं कि देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को आराम करने के लिये कितना समय मिलता है-
देश के राष्ट्रपति के पास कितनी छुट्टियां होती हैं?
क्या प्रधानमंत्री भी ले सकते हैं छुट्टी?
दोनों की ग़ैरमौजूदगी में कौन संभालता है इनका कार्यभार?