Historic Indian Railway Stations: इंडियन रेलवे का इतिहास 177 साल पुराना है. इसकी नींव 1877 में ब्रिटिश काल में रखी गई थी. आज ये दुनिया के सबसे व्यस्त और सस्ते रेलमार्गों में से एक है. भारत में अधिकतर लोग रेल से ही सफ़र करना पसंद करते हैं.
हमारे देश में कुछ बहुत ही पुराने रेलमार्ग, पुल और स्टेशन हैं जो रेलवे के समृद्ध इतिहास को संजोए हुए हैं. इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें UNESCO द्वारा विश्व धरोहर (World Heritage) का दर्जा दिया गया है.
चलिए आज तस्वीरों के साथ ही देश के इन ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन और रेल मार्गों के बारे में भी जान लेते हैं…
ये भी पढ़ें: George Pullman: वो शख़्स जिसकी बदौलत हम आराम से ट्रेन के स्लीपर कोच में लेट कर सफ़र करते हैं
1. दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (Darjeeling Himalayan Railway)
1879 और 1881 के बीच इसे अंग्रेज़ों द्वारा बनाया गया था. दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे लाइन न्यू जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच है. ये एक 2 फ़ीट गेज रेलवे लाइन है जो लगभग 88 किलोमीटर तक फैली हुई है. इस रेल लाइन को 1999 में यूनेस्को विश्व धरोहर का दर्जा दिया था. ये सम्मान पाने वाला एशिया का पहला रेलवे मार्ग था ये.
ये भी पढ़ें: भारत के वो 7 रेलवे स्टेशन, जिन्होंने बॉलीवुड मूवीज़ में आइकॉनिक क़िरदार निभाया है
2. छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus)
इसे पहले विक्टोरिया टर्मिनस स्टेशन के रूप में जाना जाता था. मुंबई का ये रेलवे स्टेशन Victorian Gothic Revival वास्तुकला का शानदार नमूना है. इसका डिज़ाइन ब्रिटिश वास्तुकार F. W. Stevens ने तैयार किया था. इसे बनने में 10 साल लगे थे. 1996 में महान मराठा सम्राट शिवाजी के सम्मान में इसका नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस कर दिया गया था.
3. नीलगिरी माउंटेन रेलवे (Nilgiri Mountain Railway)
तमिलनाडु के नीलगिरी ज़िले में 1,000 मिमी मीटर गेज की रेलवे लाइन है. ये रेलमार्ग ऊटी के खू़बसूरत पहाड़ों से होते हुए कुन्नूर से होते हुए मेट्टुपालयम तक जाता है. इस बीच धुंध से ढकी पहाड़ियों, हरी-भरी भूमि, घने जंगलों और संकरी घाटियों के शानदार दृश्य यात्रियों को देखने को मिलते हैं. इस टॉय ट्रेन को अंग्रज़ों ने शुरू किया था. 2005 में UNESCO ने इसे विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया था.
4. कालका शिमला रेलवे (Kalka Shimla Railway)
ब्रिटिश राज में शिमला भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी. कालका शिमला रेलमार्ग को 1898 और 1903 के बीच में बनाया गया था. ये हिमाचल प्रदेश में कालका और शिमला के पहाड़ी मार्ग के बीच 96.6 किलोमीटर लंबी नैरो-गेज रेलवे लाइन है. इस रेलमार्ग में 800 से अधिक छोटे और बड़े पुल बने हैं. यहां से यात्रियों को हिमालय पर्वतमाला के आश्चर्यजनक दृश्य देखने को मिलते हैं.
इनमें से किस रेलवे स्टेशन या मार्ग पर यात्रा कर चुके हैं आप?