प्लेटफ़ॉर्म पर खड़े होकर ट्रेन का इंतज़ार करते समय कई ऐसी चीज़ें दिखती हैं, जिनका ट्रेन से कोई न कोई लेना देना होता ही है. इनमें से कई सारी बातें तो आपको पता ही होंगे, लेकिन कुछ होगा जो नहीं पता होगा. जैसे, ट्रेन के इंजन पर आगे सबसे आगे ऊपर की ओर भगत की कोठी लिखा होता है. क्या आपने देखा है? इसके अलावा कुछ इंजन पर भगत की कोठी के स्थान पर BGKT लिखा होता है. अगर देखा है तो कभी सोचा है कि आख़िर ये क्यों लिखा होता है?

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दरअसल, भगत की कोठी हर ट्रेन इंजन पर नहीं, बल्कि सिर्फ़ कुछ ख़ास ट्रेन इंजन पर ही लिखा होता है. इसलिए फटाफट जानना ज़रूरी हो जाती है कि आख़िर क्यों सब ट्रेनों पर नहीं लिखा होता है और कौन-कौन से वो इंजन हैं जिनपर लिखा है जिन्हें भगत की कोठी कहते हैं?

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भगत की कोठी क्या है?

हालांकि, भगत की कोठी राजस्थान के जोधपुर का एक रेलवे स्टेशन है, जहां से कई ट्रेनें रुकती हैं और गुज़रती हैं. इसलिए भगत की कोठी एक स्थान की वजह से फ़ेमस है.

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क्यों लिखा होता है ट्रेन इंजन पर है?

पहला कारण भगत की कोठी एक जगह है और ट्रेन इंजन पर लिखे होने का दूसरा कारण ये है कि भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर एक लोकोमोटिव शेड बना हुआ है, जहां ट्रेन इंजन खड़े होते हैं. इसी जगह पर इनके मेंटिनेंस का पूरा का काम होता है. इसलिए जो भी भगत की कोठी में खड़े या ठीक किए जाते हैं उन पर भगत की कोठी लिखा होता है. इसे इंजन का घर भी कहा जा सकता है.

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आपको बता दें, यहां सिर्फ़ डीज़ल इंजन ही खड़े किए जाते हैं और उन्हीं का मेंटिनेंस होता है. इसलिए सिर्फ़ जो डीज़ल इंजन यहां पर खड़े होते हैं उन्हीं पर भगत की कोठी (BGKT) लिखा होता है.

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