एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) पिछले कई सालों से देश के सबसे अमीर बिज़नेसमैन की लिस्ट में नंबर वन बने हुए हैं. हालांकि, बीच में गौतम अडानी (Gautam Adani) ने उन्हें पछाड़ दिया था, लेकिन मुकेश अंबानी फिर से टॉप पर आ गए हैं. मुकेश अंबानी अपनी लग्ज़री लाइफ़स्टाइल के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं. वो अपने ‘आलीशान घर से लेकर लग्ज़री कारों’ की वजह से अक्सर चर्चा में रहते हैं. इसीलिए आज हम आपको मुकेश अंबानी की एक अनोखी कार के बारे में बताने जा रहे हैं.
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मुकेश अंबानी के पास Rolls-Royce से लेकर Ferrari तक, दुनिया की हर महंगी कार है. अंबानी फ़ैमिली के गैराज में वैसे तो 50 से अधिक सुपरफ़ास्ट लग्ज़री कार्स हैं, लेकिन Rolls-Royce Cullinan उनकी सबसे पसंदीदा कार है. आज हम आपको मुकेश अंबानी की स्पेशल कार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे भारत की सबसे महंगी कार के तौर पर भी जाना जाता है. ये लक्ज़री कार अपनी पेंट जॉब की वजह से भी ख़ासी चर्चित है.
Cartoq की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत में Rolls-Royce Cullinan की क़ीमत 6.8 करोड़ रुपये से शुरू होती है, लेकिन 21 इंच के पहियों के साथ पेंट जॉब और अन्य चैंजेस के कारण इसकी क़ीमत 13.14 करोड़ रुपये के क़रीब हो गई. मुकेश अंबानी की टस्कन सन शेड वाली ये Rolls-Royce Cullinan अपने पेंट की वजह से ही दुनियाभर में काफ़ी मशहूर है. क्योंकि केवल इसकी Paint Job पर 1 करोड़ रुपये ख़र्च हुये हैं.
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अंबानी परिवार की कारों के यूनीक सीरीज़ वाले VIP Number उन्हें दूसरों से अलग बनाती हैं. इन नंबर प्लेट्स के लिए उन्हें लाखों रुपये ख़र्च करने पड़ते हैं. मुकेश अंबानी की Rolls-Royce Cullinan अपने पेंट जॉब ही नहीं, बल्कि VIP नंबर की वजह से भी काफ़ी मशहूर है. इसका रजिस्ट्रेशन नंबर ‘0001’ है, जिसके लिए अंबानी ने RTO को 12 लाख रुपये का भुगतान किया है. मुकेश अंबानी ने ये कार अपने बेटे अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट को उनकी सगाई में तोहफ़े के तौर पर दी थी.
आमतौर पर वीआईपी नंबर के लिए 4 लाख रुपये का खर्च आता है. मुकेश अंबानी को जो नंबर चाहिए था वो मौजूदा सीरीज़ वो नंबर नहीं होने की वजह से उन्होंने नई सीरीज़ से ये नंबर ‘0001’ चुना. इसीलिए आरटीओ ने उनसे रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए 12 लाख रुपये वसूले. आरटीओ ने कहा कि, परिवहन आयुक्त की लिखित अनुमति से पिछली सीरीज़ ख़त्म किए बिना नई सीरीज़ शुरू करने पर RTO मानक पंजीकरण लागत की तुलना में तीन गुना शुल्क वसूलता है.
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