Types Of Relationship Boundaries: किसी भी रिलेशनशिप को अटूट बनाए रखने के लिए ज़रूरी हैं बाउंड्री. बाउंड्री का मतलब यहां उन हदों या सीमाओं से है जिसे आप अपने रिश्ते की भलाई के लिए आपस में बात करके तय करते हैं.
एक हेल्दी रिलेशनशिप के लिए ये सीमाएं बहुत महत्वपूर्ण हैं. ये हदें तय करती हैं कि इस रिश्ते से आपकी अपेक्षाएं क्या हैं और अगर उनका पालन नहीं किया गया तो उसका क्या परिणाम हो सकता है. चलिए हमारे #LoveKiBoundary कैंपेन की मदद से जानते हैं कि किसी रिश्ते में कितने प्रकार की बाउंड्रीज़ होती हैं जिन्हें हम और आप अपना सकते हैं.
Types Of Relationship Boundaries
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1. फ़िजिकल बाउंड्रीज़ (Physical Boundaries)
भौतिक सीमाएं आपके शरीर, गोपनीयता और पर्सनल स्पेस से जुड़ी होती हैं. हो सकता है आप पब्लिक प्लेस में प्यार दिखाना जैसे हाथ पकड़ा, Kiss करना न पसंद हो. इसके बारे में पहले ही पार्टनर को बता सकते हैं. अगर आपको लगता है कि आपका पार्टनर थोड़ा वॉयलेंट है तो आप उसे ये भी बता सकते हैं कि उसका हिंसक होना आपको पसंद नहीं ताकी आपके साथ वो ऐसा करने की कभी न सोचे.
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2. इमोशनल बाउंड्रीज़ (Emotional Boundaries)
भावनात्मक हदें बनाने से पहले आपको अपनी और पार्टनर की फ़ीलिंग्स के बारे में अच्छे से पता होना चाहिए. जैसे आपको क्या पसंद है और किन चीज़ों से आप हर्ट हो जाते हैं. जब आप ख़ुद को किसी चीज़ के लिए दोषी महसूस करते हैं, शर्मिंदा होते हैं, परेशान होते हैं और अपने आप को कम आंका जाने पर दुखी होते हैं तब ये इमोशनल बाउंड्री काम आती है.
ऐसे में यदि आपको पसंद नहीं है कि आपका पार्टनर आपको समझाए-बुझाए या शांत करने की कोशिश करे तो आप उसे पहले ही इस तरह की परिस्थितियों से अवगत करा सकते हैं. या पार्टनर की भी ऐसी परिस्थितियों के बारे में पूछ सकते हैं.
3. सेक्सुअल बाउंड्रीज़ (Sexual Boundaries)
ये आपकी सेक्स लाइफ़ से जुड़ी सीमाएं होती हैं. इसमें आपसी सहमति से एक दूसरे की यौन सीमाओं और इच्छाओं की समझ शामिल किया जाता है. जैसे यदि आपको सेक्सुअल कमेंट, अवांछित यौन स्पर्श आदि पसंद नहीं है तो इसके बारे में आप उनसे बात कर सकते हैं. सेक्स लाइफ़ से जुड़ी और भी दूसरी बातें जिनसे आपको परेशानी होती है उसे भी आप इसमें शामिल कर सकते हैं.
4. इंटेलेक्चुअल बाउंड्रीज़ (Intellectual Boundaries)
ये आपके विचारों से जुड़ी होती हैं. ऐसे लोग जिनके विचार और दर्शन अलग हों वो भी रिलेशनशिप में हो सकते हैं. इसलिए इस तरह की सीमाएं बना लेना भी सही है ताकि यदि किसी बात या टॉपिक पर आप में मतभेद हों तो उसकी वजह से आपके रिश्ते में कोई दरार न आए.
ये लोगों के बीच आपको नीचा दिखाने या फिर हंसी का पात्र बनने से भी बचाएगा. यदि आपका पार्टनर आपकी सोच को लेकर तंज कसता है तब ये आपकी सुरक्षा करेंगी. यदि वो फिर भी ऐसा करता है तो उसे इसके भी अंज़ाम पता होने चाहिए.
5. फ़ाइनेंशियल बाउंड्रीज़ (Financial Boundaries)
धन से जुड़ी सीमाएं भी एक रिश्ते में होनी चाहिए. इसके लिए आप पहले से ही अपने वित्तीय लक्ष्यों के बारे में बात कर सकते हैं, ताकी कभी मनी यानी धन आपके झगड़े का कारण न बनें. दोनों यदि कमाते हैं तो उनको समान रूप से ख़र्चों को आपस में तय कर बांट लेना सही रहेगा. इस तरह आप दोनों ही पैसे या ख़र्च को लेकर निश्चिंत रहेंगे.
6. टाइम बाउंड्रीज़ (Time Boundaries)
इसमें वो आप अपने मी-टाइम से जुड़ी हदें तय करते हैं कि इतना समय आप अपने साथ ही बिताना चाहेंगे. ख़ुद भी पर्सनल स्पेस देने के लिए ये बहुत ज़रूरी है. ये पहले से ही क्लीयर हो जाएगा तो कभी उस समय पर कोई काम आता है तो उसे आगे बढ़ाने या टालने की बात की जा सकती है.
7. एक्सपेक्टेशन बाउंड्रीज़ (Expectation Boundaries)
इस रिश्ते से आप क्या उम्मीदें रखते हैं इस पर भी खुलकर बात कर लेनी चाहिए. इससे आप बहुत बड़ी या अवास्तविक अपेक्षाएं एक दूसरे से रखने से बच सकते हैं. इस बारे में खुलकर बात करें कि क्या संभव है और क्या नहीं, मसलन हर महीने पहली बार मिलने की एनिवर्सरी सेलिब्रेट करना. ये किसी को पसंद हो सकती है और किसी को नहीं भी.
इन्हें अपने रिलेशनशिप का हिस्सा बना लेना आपके लिए बेहतर हो सकता है.