आजकल के बच्चों को बच्चा समझने की ग़लती मत करना क्योंकि जिस उम्र में ये रिकॉर्ड बना रहे हैं, उस उम्र में हम आप शायद अपने काम भी ख़ुद से नहीं कर पाते थे. अब असम के चुराचांदपुर ज़िले के कांगवई गांव के 12 साल का Issac Paulallungmuan Vaiphei को देख लीजिए. 12 साल की छोटी उम्र में 10वीं की परीक्षा देकर वो 10वीं की परीक्षा में बैठने वाले सब कम उम्र के बच्चे का रिकॉर्ड बनाने वाले हैं.

माउंट ओलिव स्कूल में 8वीं तक पढ़ने वाले Issac अपने घर में सबसे बड़ा बेटा है. Issac ने कहा,

मैं बहुत ख़ुश हूं. मैं सर Isaac Newton की प्रशंसा करता हूं. मुझे लगता है कि मैं उनके जैसा हूं और हमारा नाम एक जैसा है. 

Issac को बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेशन (BOSEM) ने असम हाई स्कूल लीविंग सर्टिफ़िकेट के लिए परीक्षा देने की अनुमति दे दी है. इसके अलावा Issac को आगामी बोर्ड परीक्षाओं के लिए उसकी असल जन्मतिथि के साथ परीक्षा देने की मंज़ूरी दे दी है. 

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Issac के पिता, Genkholien Vaiphei ने पिछले साल एक अर्ज़ी दी थी, जिसमें शिक्षा विभाग से Issac को मैट्रिक परीक्षा में बैठने की अनुमति मांगी थी. इसके बाद, शिक्षा विभाग के आयुक्त ने Issac का एक मनोविज्ञान परीक्षण (Psychology Test) करने का आदेश दिया था.

क्लीनिकल मनोविज्ञान विभाग RIMS Imphal द्वारा लिए गए टेस्ट के अनुसार, Issac की उम्र 17 साल 5 महीने थी. उनका IQ 141 था जो बहुत ही बेहतर था.

शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार, 10वीं की परीक्षा में बैठने के लिए एक छात्र की उम्र परीक्षा देने के बर्ष के 1 अप्रैल को 15 साल होनी चाहिए. तब वो परीक्षा दे सकता है.

इसलिए Issac के पिता ने बताया,

शुरू में मुझसे कहा गया था कि अपने बेटे की उम्र 15 साल बताएं ताकि उसे परीक्षा देने को मिल सके. इसके बाद, अपने बेटे के जुनून को देखते हुए उच्च अधिकारी से संपर्क किया. मेरे बेटे को ये मौक़ा देने के लिए मैं विभाग का बहुत शुक्रगुज़ार हूं.

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