उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है.  

टप्पल टाउन में एक 2 साल की बच्ची की बेरहमी से हत्या कर दी गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बच्ची के घरवाले 10 हज़ार रुपए नहीं लौटा पाए थे और 2 आरोपियों ने बच्ची की बेरहमी से हत्या कर दी. 

Mirror Now की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी ने बच्ची के दादा से 30 हज़ार रुपए लिए थे. आरोपी पैसे की आख़िरी किश्त 5000 रुपए नहीं दे पाया था, जिसके बाद आरोपी और बच्ची के चाचा-दादा के बीच बहसबाज़ी हुई थी. इसके बाद आरोपी ने बच्ची को दरिंदगी से मार डाला.   

Mirror Now की रिपोर्ट के अनुसार, 30 मई को बच्ची को अगवा किया गया. बच्ची के माता-पिता पुलिस के पास रिपोर्ट लिखवाने गए, पर घटना के लगभग 31 घंटे बाद उनकी रिपोर्ट लिखी गई. बच्ची के माता-पिता का कहना है कि पुलिस ने उनसे ख़ुद बच्ची को आस-पास ढूंढने को कहा था पर जब इसके बाद भी बच्ची नहीं मिली, तब अगले दिन रिपोर्ट लिखी गई.  

इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी फ़ुटेज खंगाली और बच्ची के लापता होने की बात अनाउंस करवाई. बदक़िस्मती से 2 जून को बच्ची का क्षत-विक्षत शरीर मिला.


बच्ची के माता-पिता का कहना है कि अगर पुलिस वक़्त रहते कार्रवाई करती, तो बच्ची को बचाया जा सकता था. रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपी ज़ाहिद और असलम को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया गया है.   

अलीगढ़ के एसएसपी, आकाश कुल्हाड़ी ने कहा है कि दोनों आरोपियों पर एनएसए लगाया जाएगा ताकी उन्हें बेल न मिले. इसी के साथ इस केस को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने का आश्वासन दिया.  

https://twitter.com/hashtag/JusticeForTwinkleSharma?src=tren&data_id=tweet%3A1136876578271444992

सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर कई बातें की जा रही है. कई लोग इसे कठुआ रेप केस से जोड़ रहे हैं, जिसमें एक बच्ची के साथ मंदिर में कई दिनों तक दुष्कर्म किया गया था.


अलीगढ़ पुलिस ने बच्ची के साथ दुष्कर्म, एसिड से जलाने की बात को नकारा है, जबकि कई सोशल मीडिया पोस्ट्स में इसके उलट लिखा जा रहा है. 

Mirror Now की रिपोर्ट  मुताबिक, 5 पुलिस वालों को ड्यूटी में ढील देने की वजह से सस्पेंड कर दिया गया है. इसी रिपोर्ट के मुताबिक, बच्ची को 30 मई को ही मार दिया गया था.   

सोशल मीडिया पर लोगों की राय- 

हम उम्मीद करते हैं कि बच्ची के हत्या के दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिले. इसके साथ ही ये कार्रवाई भी हो कि पुलिस ने पहली बार में ही बच्ची के अगवा होने की रिपोर्ट क्यों नहीं लिखी. और इस जघन्य अपराध को सांप्रदायिक बनाने वालों से एक अपील, कम से कम एक बच्ची को इससे दूर रखें और इंसाफ़ के लिए सोचें.