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मज़दूर के खाते से इतनी रक़म मिलने के बाद आयकर विभाग की तरफ़ से उसे नोटिस भी जारी किया गया. इस नोटिस के तहत उसे 1.05 करोड़ रुपये का भुगतान करना है. मज़ूदर का नाम Bhausaheb Ahire बताया जा रहा है. आयकर विभाग का नोटिस मिलने के बाद Ahire ने पुलिस से संपर्क किया. मज़दूर का कहना है कि उसके ख़ाते में इतनी रकम कहां से आई, उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. 

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Ahire का कहना है कि शायद फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के ज़रिये उसका खाता तैयार किया गया है. झुग्गी में रहते हुए इतनी रकम जोड़ना असंभव है. इसके अलावा उसने ये भी बताया कि आयकर विभाग की तरफ़ से उसे पहला नोटिस सितंबर 2016 में नोटबंदी के दौरान मिला था. नोटिस मिलने के बाद जब उसने आयकर विभाग के कार्यालय और निजी बैंक से संपर्क किया, तो पाया कि बैंक में खाता खोलने के लिये बैंक को पैन कार्ड दिया गया है. खाते के लिये एक अलग फ़ोटो और फ़र्ज़ी साइन भी थे. 

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इसके बाद हाल में उसे 7 जनवरी को फिर से नोटिस आया, जिसके बाद उसने पुलिस से मदद की गुज़ारिश की. वहीं अब पुलिस की तरफ़ से मामले की जांच की जा रही है. 

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